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सेफ अली खान के दृश्य पर शिरोमणि कमेटी भडक़ी तो कलर्स चैनल के खिलाफ जालंधर की सडक़ों पर उतरे वाल्मीकि समाज के युवा

सेंसर बोर्ड और शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी की लाख कोशिशों के बावजूद सिने जगत के छोटे और बड़े पर्दे पर बेवजह विवाद होते रहते है

01:52 PM Aug 21, 2019 IST | Desk Team

सेंसर बोर्ड और शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी की लाख कोशिशों के बावजूद सिने जगत के छोटे और बड़े पर्दे पर बेवजह विवाद होते रहते है

लुधियाना- जालंधर : सेंसर बोर्ड और शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी की लाख कोशिशों के बावजूद सिने जगत के छोटे और बड़े पर्दे पर बेवजह विवाद होते रहते है। उसी श्रृंखला में आज ‘ सैकरैड गेम्स़ सीजन- 2 ’  के एक दृश्य पर सिखों के धार्मिक चिन्ह की बेअदबी और तोहीन पर शिरोमणि कमेटी ने कड़ा एतराज जताया है तो जालंधर में वाल्मीकि समाज के युवाओं ने कलर्स चैनल पर प्रसारित हो रहे एक कार्यक्रम के खिलाफ मंगलवार को मोटरसाइकिल रैली निकाली। प्रदर्शन कर रहे युवाओं ने जिलाधीश कार्यालय का भी घेराव किया।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक नेट फिलिक्स पर उक्त वेब सीरिज के एक दृश्य में अदाकार सेफ अली खां समुद्र में अपना सिख धर्म से जुड़ा कलाई में पहनने वाला कड़ा उतारकर फेंकते नजर आया है। यह भी पता चला है कि अदाकार सिख पात्र के रूप में है। शिरोमणि कमेटी के मुख्य सचिव डॉ रूप सिंह ने सिखों की शिकायतों के उपरांत इकटठी की गई जानकारी के आधार पर आपति उठाते हुए कहा कि सिख धर्म में धार्मिक चिन्हों की बड़ी महत्वता है और किसी को भी सिख भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने की इजाजत नहीं दी जा सकती। 
उन्होंने कहा कि किसी भी फिल्म, नाटक या वेब सीरिज के अदाकार, निर्माता, निर्देशक और लेखक को किसी भी धर्म की धार्मिक भावनाओं की तोहीन नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर किसी पात्र को सिख के रूप में दिखाया जाता है तो सिख सिद्वांतों और सिख इतिहास और सिख  सरोकारों के मध्यनजर उसको किरदार निभाना चाहिए। मुख्य सचिव ने यह भी कहा कि विवादित दृश्य को हटाया जाएं, अन्यथा कानूनी विशेषज्ञों से राय करके केाई भी उचित फेसला कर सकती है।
उधर आज जालंधर में कलर्स चैनल पर दिखाए जा रहे एक धार्मिक कार्यक्रम में वाल्मीकि समाज की छवि को खराब किये जाने पर समाज से जुड़े युवाओं में भारी रोष प्रदर्शन किया। वाल्मीकि समाज के सदस्यों ने डीसी को ज्ञापन सौंपकर ऐसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की।
दूसरी ओर, दिल्ली में श्री रविदास मंदिर तोड़े जाने के आदेशों के बाद रविदास समाज की तरफ से किए प्रदर्शन को वाल्मीकि समाज ने अपना समर्थन दिया है। बता दें कि पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दिल्ली विकास प्राधिकरण ने तुगलकाबाद स्थित गुरु रविदास मंदिर को ध्वस्त कर दिया था। इसके विरोध में पिछले दिनों पूरे पंजाब में रविदास समुदाय ने रोष जताते हुए धरना प्रदर्शन किया था। इस दौरान जालंधर-पानीपत हाईवे तक पर जाम लगाकर यातायात ठप कर दिया गया था। 
इस मामले ने राजनीतिक रंग भी ले लिया है। सत्ताधारी कांग्रेस के अलावा विपक्ष में बैठे अकाली दल-भाजपा गठबंधन भी रविदास समुदाय को अपना समर्थन दे चुकी है। वहीं आम आदमी पार्टी ने गेंद कांग्रेस के पाले में डालते हुए मंदिर के पुनर्निमाण की बात कही है। यहां बता दें कि गत दिवस सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि उसके आदेश को राजनीतिक रंग न दिया जाए बल्कि उसका पालन सुनिश्चित किया जाए।
– सुनीलराय कामरेड
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