फिर खून से लाल हुईं पाकिस्तान की सड़कें, आखिर क्यों हो रही बलूचिस्तान में हिंसा?
पाकिस्तान के अशांत क्षेत्र बलूचिस्तान से एक बेहद दर्दनाक घटना सामने आई है, जहां कुछ यात्रियों को बंदूक की नोक पर अगवा कर 9 लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया. यह वारदात राज्य के दूर-दराज के इलाके में हुई. बलूचिस्तान सरकार के प्रवक्ता शाहिद रिंद के अनुसार, गुरुवार की शाम कुछ अज्ञात हथियारबंद लोगों ने कई बसों को रोका और यात्रियों को जबरन अपने साथ ले गए. इन यात्रियों में से नौ को एक सुनसान इलाके में ले जाकर बेरहमी से गोली मार दी गई.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एक सरकारी अधिकारी नाविद आलम ने जानकारी दी कि अगली सुबह इन यात्रियों के शव मिले. शवों पर गोलियों के कई निशान थे, जिससे जाहिर होता है कि इन्हें बेहद निर्ममता से मारा गया. इस घटना की अभी तक किसी संगठन ने जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन शक बलूच अलगाववादियों पर जा रहा है.
बलूच विद्रोहियों पर संदेह
इस क्षेत्र में पहले भी इस तरह की हिंसक घटनाएं हो चुकी हैं. बलूच विद्रोही लंबे समय से पाकिस्तान सरकार के खिलाफ हथियार उठाए हुए हैं. वे न केवल स्वतंत्रता की मांग कर रहे हैं, बल्कि चीन के आर्थिक परियोजनाओं का भी विरोध कर रहे हैं.
चीन और पाकिस्तान पर लूट का आरोप
बलूच विद्रोहियों का मानना है कि पाकिस्तान और चीन मिलकर बलूचिस्तान के बहुमूल्य खनिज संसाधनों का दोहन कर रहे हैं. यहां प्राकृतिक गैस, कोयला, तांबा और अन्य खनिज बड़ी मात्रा में मौजूद हैं, जिनका लाभ बलूच जनता को नहीं मिल रहा. बलूचों का आरोप है कि उनके संसाधनों को लूटा जा रहा है और स्थानीय लोगों का शोषण किया जा रहा है.
CPEC और चीनी प्रोजेक्ट्स का विरोध
बलूचिस्तान चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) का एक अहम हिस्सा है, जो चीन के शिनजियांग प्रांत से जुड़ता है. विद्रोही इस परियोजना का विरोध करते हुए चीन के कामगारों और प्रोजेक्ट्स पर पहले भी हमले कर चुके हैं.
पहले भी हो चुकीं हैं हिंसक घटनाएं
11 मार्च को भी बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी के लड़ाकों ने जाफर एक्सप्रेस नाम की एक यात्री ट्रेन को अगवा कर लिया था, जो क्वेटा से पेशावर जा रही थी. इस ट्रेन में 440 लोग सवार थे. इस हमले में 26 लोगों की जान गई थी, जिनमें 18 सुरक्षाकर्मी थे.