महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल तेज! CM फडणवीस-राज की मुलाकात ने बढ़ाया सियासी पारा
महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल तेज!
महाराष्ट्र का सियासी पारा चढ़ता हुआ नज़र आ रहा है, जिसकी वजह है मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे के बीच हुई मुलाक़ात। दोनों नेताओं के बीच हुई इस बैठक के बाद तमाम कयासबाजियां शुरू हो गई हैं।
महाराष्ट्र का सियासी पारा चढ़ता हुआ नज़र आ रहा है, जिसकी वजह है मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे के बीच हुई मुलाक़ात। दोनों नेताओं के बीच हुई इस बैठक के बाद तमाम कयासबाजियां शुरू हो गई हैं।
यह मुलाक़ात इसलिए भी चर्चा में आ गई है क्योंकि नगर निगम के चुनाव बेहद करीब हैं। ऐसे में लोगों के मन में तमाम सवाल उठने लगे हैं और उन्होंने यह सोचना शुरू कर दिया है कि आखिर दोनों नेताओं के बीच क्या बातचीत हुई होगी।
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और राज ठाकरे के बीच यह बैठक बांद्रा के एक होटल में हुई। कुछ दिन पहले तक इस तरह की अटकलें लगाई जा रहीं थी कि उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे एक बार फिर साथ आ सकते हैं। एक वक़्त पर महाराष्ट्र में ठाकरे परिवार का ‘अघोषित राज’ था। मगर अब हालात कुछ और हैं।
महाराष्ट्र की राजनीति में ठाकरे परिवार की पकड़ पहले के मुकाबले कमज़ोर हो चुकी है। शिवसेना के दो हिस्से हो चुके हैं और उद्धव ठाकरे सत्ता से दूर हैं। वहीं दूसरी तरफ राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना को पिछले कुछ चुनावों में शिकस्त का सामना करना पड़ा है।
जहां कुछ दिन पहले की स्थिति को देखते हुए यह अनुमान लगाया जा रहा था कि दोनों ठाकरे बद्रर्स साथ आ सकते हैं, वहीं अब देवेंद्र फडणवीस और राज ठाकरे के बीच हुई मुलाक़ात ने दोनों भाइयों के साथ आने पर तमाम सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं। हालांकि सिक्के का दूसरा पहलू यह भी है कि महाराष्ट्र में सरकार बनने के बाद से मुखयमंत्री देवेंद्र फण्डवीस और राज ठाकरे के बीच कई बार मुलाकात हो चुकी है | उस दौरान दोनों नेताओं में क्या बातचीत हुई थी, इसकी जानकारी खुलकर सामने नहीं आ पाई थी |
अब यहां पर यह समझना बेहद ज़रूरी हो जाता है कि महाराष्ट्र की राजनीति के लिए राज ठाकरे क्यों ज़रूरी हैं। वहां की सियासत में उनका कितना योगदान रहा है। दरअसल, राज ठाकरे ने साल 2005 में शिवसेना से अलग होकर अपनी नई पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना का गठन किया था। हालांकि, महाराष्ट्र की राजनीति में वह पकड़ बनाने के लिए लगातार संघर्ष करते रहे हैं। मगर कुछ ऐसे इलाके हैं जहां की जनता पर राज ठाकरे की अच्छी पकड़ है। मुंबई, ठाणे, कल्याण-डोंबिवली और पुणे उन्हीं इलाकों में शामिल हैं।
कुल मिलाकर, राज ठाकरे के लिए अकेले दम पर महाराष्ट्र की सियासत में प्रभाव डालना भले ही मुश्किल हो सकता है, मगर किसी दल के साथ मिलकर वह असरदार साबित हो सकते हैं। अब ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले चुनावों में महाराष्ट्र की जनता का समर्थन किसे हासिल होता है।
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