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देश के हितों की रक्षा करने में अपने सशस्त्र बलों की क्षमता पर विश्वास करने की जरूरत है : जयशंकर

पूर्वी लद्दाख में सीमा पर चीन के साथ गतिरोध के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को कहा कि ‘‘हमें हमारे हितों की रक्षा करने में अपने सशस्त्र बलों पर और उनकी क्षमता पर विश्वास करने की जरूरत है।’’

12:59 AM Sep 27, 2020 IST | Shera Rajput

पूर्वी लद्दाख में सीमा पर चीन के साथ गतिरोध के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को कहा कि ‘‘हमें हमारे हितों की रक्षा करने में अपने सशस्त्र बलों पर और उनकी क्षमता पर विश्वास करने की जरूरत है।’’

देश के हितों की रक्षा करने में अपने सशस्त्र बलों की क्षमता पर विश्वास करने की जरूरत है   जयशंकर
पूर्वी लद्दाख में सीमा पर चीन के साथ गतिरोध के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को कहा कि ‘‘हमें हमारे हितों की रक्षा करने में अपने सशस्त्र बलों पर और उनकी क्षमता पर विश्वास करने की जरूरत है।’’
जयशंकर ने कहा कि चीनियों से बातचीत करने में प्रणाली (सैन्य कमांडरों और कूटनीतिक माध्यमों) की क्षमता में भी विश्वास रखने की जरूरत है। 
पूर्वी लद्दाख में सीमा पर स्थिति के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने समाचार चैनल टाइम्स नाऊ को दिये एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘आप जानते हैं कि यह एक खास तरीके से होने वाला है। कुछ चीजें होंगी , जो चीन ने की हैं। कुछ प्रतिक्रिया होगी जो भारत ने की है…दरअसल, बातचीत जारी है। ’’ 
उन्होंने कहा, ‘‘मैं जानता हूं कि मीडिया हर चीज जानने के लिये विवश है, लेकिन दुर्भाग्य से वास्तविक जीवन कुछ अलग है। इसलिए कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा के बारे में है । वहां एक जटिल जमीनी स्थिति है। ’’ 
उन्होंने कहा, ‘‘हमें हमारे हितों की रक्षा करने में हमारे सशस्त्र बलों पर और उनकी क्षमता पर विश्वास करना होगा और स्पष्ट रूप से प्रणाली की क्षमता में विश्वास रखना होगा, मेरा मतलब चीन के साथ बातचीत करने में सैन्य कमांडरों और कूटनीतिक माध्यमों, दोनों से है। ’’ 
उन्होंने कहा कि किसी निष्कर्ष पर पहुंचने में जल्दबाजी नहीं करें। 
साक्षात्कार के दौरान जयशंकर ने हाल ही में जारी पुस्तक ‘द इंडिया वे’ पर भी विस्तार से चर्चा की। 
उल्लेखनीय है कि पूर्वी लद्दाख में तनाव उस वक्त के बाद कई गुना बढ़ गया जब गलवान घाटी में 15 जून को दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गये। 
पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी तटों पर भारतीय सैनिकों को चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी(पीएलए) द्वारा डराये जाने की कम से कम तीन कोशिशें किये जाने के बाद स्थिति और बिगड़ गई। 
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Shera Rajput

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