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राजनीति में कोई दुश्मन नहीं, किसी को भी दिया जा सकता है सम्मान: जितेंद्र आव्हाड

जितेंद्र आव्हाड ने शरद पवार के फैसले का किया समर्थन

05:09 AM Feb 13, 2025 IST | IANS

जितेंद्र आव्हाड ने शरद पवार के फैसले का किया समर्थन

राजनीति में कोई दुश्मन नहीं  किसी को भी दिया जा सकता है सम्मान  जितेंद्र आव्हाड

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार के शिवसेना प्रमुख एवं महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को गौरव सम्मान दिए जाने पर शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत नाराज हैं। एनसीपी (एसपी) विधायक जितेंद्र आव्हाड ने इस पर कहा कि कोई भी किसी को सम्मान दे सकता है, राजनीति में कोई किसी का दुश्मन नहीं हो सकता।

एनसीपी (एसपी) विधायक जितेंद्र आव्हाड ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस से कहा, “ये बात गलत है। कोई भी किसी का भी सम्मान कर सकता है। राजनीति में कोई किसी का दुश्मन नहीं होता है। एक घर में दो बच्चे होते हैं, एक साइंस पढ़ता है तो दूसरा मैथ पढ़ रहा होता है, लेकिन दोनों बच्चे अपने ही होते हैं। राजनीति के विचारों में अंतर हो सकता है। महाराष्ट्र की राजनीति खराब होती चली गई, क्योंकि हम एक-दूसरे को अपना दुश्मन समझने लगे हैं। शरद पवार उस पीढ़ी से आते हैं, जो प्यार की बोली बोलते हैं। पवार अपने विरोधी के मुश्किल वक्त में भी उनका साथ निभाने वाले व्यक्ति हैं।”

उन्होंने आगे कहा, “मैंने अनुभव किया है कि पिछले दस सालों में दुश्मनी बढ़ती चली गई। फिर भी मैं कहता हूं कि शरद पवार जैसी राजनीति सभी को करनी चाहिए। शरद पवार कोई गुगली नहीं फेंकेंगे। मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि एकनाथ शिंदे की राजनीति से शरद पवार का कोई लेना-देना नहीं है।”

‘इंडिया गॉट लेटेंट’ विवाद पर जितेंद्र आव्हाड ने रणवीर इलाहाबादिया का बिना नाम लिए कहा, “उन्हें अवॉर्ड किसने दिया? वो किसका आइकॉन है? जरा उसकी तरफ भी लोग देखें, जिसने उसको आइकॉन बनाया। उस आइकॉन को अरेस्ट किया जाएगा?”

शिवसेना (शिंदे) के नेता प्रताप जाधव की डिनर पार्टी में शिवसेना (यूबीटी) के सांसदों के शामिल होने को उन्होंने कुछ भी गलत नहीं बताया। आव्हाड ने कहा, “दिल्ली में संसद की कार्यवाही खत्म होने के बाद खाना ही खाना रहता है, ऐसे में सभी एक-दूसरे के अच्छे दोस्त बन जाते हैं। वहां कुश्ती थोड़ी हो रही है। वहीं, महाराष्ट्र की राजनीति में जो गैंगवार शुरू हुआ है, वो पिछले 10 सालों से शुरू हुआ है, जिसके जिम्मेदार सत्ताधारी पार्टी के लोग हैं।”

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