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रालोसपा में बिखराव थम नहीं रहा है

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का विरोध न करने पर सीतामढ़ी सीट से मुझे प्रत्याशी नहीं बनाया गया। उपेन्द्र कुशवाहा की कथनी और करनी में अंतर है।

04:42 PM Apr 08, 2019 IST | Desk Team

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का विरोध न करने पर सीतामढ़ी सीट से मुझे प्रत्याशी नहीं बनाया गया। उपेन्द्र कुशवाहा की कथनी और करनी में अंतर है।

पटना : बीते लोकसभा चुनाव में तीन सीट पर चुनाव जीतने वाला राजग समर्थन रालोसपा में बिखराव रूकने का नाम रूक नहीं रहा है। दो भागों में हुए बिखराव के बाद अब पार्टी के सक्रिय सांसद माने जाने वाले सीतामढ़ी के सांसद रामकुमार शर्मा ने रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व केन्द्रीय राज्य मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा पर मनमानी कार्य कर टिकट बेचने का आरोप लगाते हुए रालोसपा का अपने नाम पर गुट बनाये जाने की घोषणा कर कहा कि विगत चुनाव में पार्टी राजग के साथ तीन सीट जीतने में सफल रहा था।

उपेन्द्र कुशवाहा मंंत्री भी बने। वे नये सब्जबाग के तहत राजग गठबंधन को छोड़ पांच सीट पर महागठबंधन के साथ चले गये। न्यायालय में कोलेजियम सिस्टम का विरोध करने वाले उपेन्द्र कुशवाहा पार्टी के संसदीय बोर्ड केी बैठक किये बिना अपनी मर्जी से लोकतंत्र का गला घोंट पांच सीटों का सौदा कर लिये।

बहुचर्चित सीट मोतिहारी को तीन बार बेचा गया। पहले प्रदीप मिश्रा, दूसरी बार माधव आनंद एवं तीसरी बाद आकाश ङ्क्षसह के सााि सौदा तय किया गया। इसी प्रकार बेतिया का सौदा ब्रजेश कुशवाहा से कर इस क्षेत्र को बेचा गया जबकि दोनो सीट के प्रत्याशी घोषणा किये जाने तक पार्टी के सदस्य भी नहीं थे। वे काराकाट में अपने घटते जनाधार को देख खुद काराकाट एवं उजियारपुर सीट से प्रत्याशी बन गये। सीतामढ़ी, जहानाबाद, मुंगेर एवं गोपालगंज घटक दलों के लिए सीट छोडऩे के एवज में मोटी रकम लिया गया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का विरोध न करने पर सीतामढ़ी सीट से मुझे प्रत्याशी नहीं बनाया गया। उपेन्द्र कुशवाहा की कथनी और करनी में अंतर है।

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