टॉप न्यूज़भारतविश्वराज्यबिजनस
खेल | क्रिकेटअन्य खेल
बॉलीवुड केसरीराशिफलSarkari Yojanaहेल्थ & लाइफस्टाइलtravelवाइरल न्यूजटेक & ऑटोगैजेटवास्तु शस्त्रएक्सपलाइनेर
Advertisement

संसद भवन की छत पर लगे राष्ट्रीय प्रतीक में ‘बदलाव’ की कंप्यूटरीकृत जांच हो : तृणमूल सांसद

नये संसद भवन की छत पर स्थापित राष्ट्रीय प्रतीक को लेकर जारी विवाद के बीच तृणमूल कांग्रेस सासंद जवाहर सरकार ने शनिवार को केंद्र से मांग की कि नवनिर्मित राष्ट्रीय प्रतीक का मूल अशोक स्तंभ से मिलान करने के लिए त्रिआयामी कंप्यूटरीकृत जांच की जाए।

07:40 PM Jul 16, 2022 IST | Desk Team

नये संसद भवन की छत पर स्थापित राष्ट्रीय प्रतीक को लेकर जारी विवाद के बीच तृणमूल कांग्रेस सासंद जवाहर सरकार ने शनिवार को केंद्र से मांग की कि नवनिर्मित राष्ट्रीय प्रतीक का मूल अशोक स्तंभ से मिलान करने के लिए त्रिआयामी कंप्यूटरीकृत जांच की जाए।

नये संसद भवन की छत पर स्थापित राष्ट्रीय प्रतीक को लेकर जारी विवाद के बीच तृणमूल कांग्रेस सासंद जवाहर सरकार ने शनिवार को केंद्र से मांग की कि नवनिर्मित राष्ट्रीय प्रतीक का मूल अशोक स्तंभ से मिलान करने के लिए त्रिआयामी कंप्यूटरीकृत जांच की जाए। केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी को लिखे पत्र में सरकार ने कहा, ‘‘ खामी इतनी बड़ी है कि उसे छिपाया नहीं जा सकता।’’ उन्होंने साथ ही मूर्तिकार के चयन की प्रक्रिया, निर्माता को दी गई जानकारी और इस प्रतिमा को स्थापित करने पर आए खर्च की विस्तृत जानकारी भी जाननी चाही।
संसद की नयी इमारत उच्चतम न्यायालय के अनुसार सही 
पूर्व केंद्रीय संस्कृति सचिव ने यह भी जानना चाहा कि क्या इस कलाकृति के लिए दिल्ली शहरी कला आयोग और विरासत संरक्षण समिति की मंजूरी ली गई थी, जो कि संसद की नयी इमारत के संदर्भ में ‘‘छह जनवरी 2021 को उच्चतम न्यायालय के आए फैसले के अनुसार अनिवार्य है।’’
शेर आक्रामक व बेमेल दिख रहे हैं 
इससे पहले राष्ट्रीय प्रतीक में छेड़छाड़ संबंधी विवाद होने पर जवाहर सरकार ने ट्विटर पर राष्ट्रीय प्रतीक की मूल तस्वीर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटन किए गए राष्ट्रीय प्रतीक की तस्वीरें साझा की थीं।तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य ने दावा किया कि मूल अशोक स्तंभ पर मौजूद शेर ‘‘ सुदंर और शान से आत्मविश्वासी’’ प्रतीत होते हैं जबकि नयी प्रतिमा के शेर ‘‘गुर्राते हुए, अनावश्यक रूप से आक्रामक और बेमेल’ दिखते हैं।
राष्ट्रीय प्रतीक सारनाथ वास्तविक चिन्ह का विस्तृत
विशेषज्ञों और विपक्षी नेताओं की आलोचना पर पुरी ने कहा था कि जो लोग संसद की इमारत पर लगे राष्ट्रीय प्रतीक की आलोचन कर रहे हैं, उन्हें ‘‘दोनों ढांचों की तुलना करने के साथ-साथ उनके कोण, ऊंचाई और विशालता’’ पर भी ध्यान देना चाहिए।उन्होंने दावा किया था कि नये संसद भवन की छत पर लगाई गई राष्ट्रीय प्रतीक की प्रतिमा सारनाथ स्थित वास्तविक चिह्न का ‘‘विस्तृत’’ स्वरूप है। इन तर्कों को खारिज करते हुए जवाहर सरकार ने अपने पत्र में कहा कि ‘‘ बेंगलुरु के विधान सौध के ऊपर पिछले 65 साल से लगे विशाल राष्ट्रीय चिह्न पर कोई विवाद नहीं है और आपके अधिकारी उनका परीक्षण कर सकते हैं कि वह क्यों और कैसे सफल है।’’
जवाहर सरकार ने कहा कि सरकार और विपक्षी पार्टियों के बीच नयी प्रतिमा, मूल स्वरूप की नकल है या नहीं? इसको लेकर एकदम अलग राय है। सारनाथ की मूल प्रतिमा और नयी प्रतिमा में कई अंतर हैं और इसकी पहचान आसानी से व सटीक तरीके से त्रिआयामी तस्वीरों से हो सकती है।
 
Advertisement
Advertisement
Next Article