आटे की महंगाई पर लगेगा ब्रेक, गेहूं की स्टॉक लिमिट में कटौती
आटे की महंगाई से राहत, सरकार ने घटाई गेहूं की स्टॉक लिमिट
सरकार ने बुधवार को गेहूं के दामों पर लगाम लगाने और जमाखोरी रोकने के लिए थोक विक्रेताओं, छोटे-बड़े रिटेलर्स और प्रोसेसर्स के लिए गेहूं भंडारण की सीमा और सख्त कर दी है। खाद्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि गेहूं की कीमतों को नियंत्रित करने के लगातार प्रयासों के तहत केंद्र सरकार ने 31 मार्च 2025 तक लागू गेहूं स्टॉक सीमा को संशोधित करने का फैसला किया है।
आटे की कीमतों पर लगेगी लगाम
केंद्र सरकार गेहूं की कीमतों को काबू में रखने के लिए कदम उठा रही है और गेहूं की जमाखोरी रोकने की हर संभव कोशिश कर रही है। इसी कड़ी में सरकार ने बुधवार (11 दिसंबर) गेहूं के लिए लागू स्टॉक लिमिट में बदलाव किया है। इसके तहत स्टॉक लिमिट में बड़ी कटौती की है। अब होलसेल और रिटेल कारोबारी पहले की तुलना में गेहूं का स्टॉक कम कर पाएंगे।
सरकार ने घटाई गेहूं की स्टॉक लिमिट
होलसेल कारोबारियों के लिए स्टॉक लिमिट 2,000 टन से घटाकर 1,000 टन कर दी गई है और रिटेल कारोबारियों के लिए यह लिमिट 10 टन से घटाकर 5 टन कर दी गई है। सरकार के इस कदम से सिस्टम में गेहूं की सप्लाई बढ़ेगी और इससे कीमतों के नियंत्रण में बने रहने की उम्मीद है। फिलहाल गेहूं की बुवाई चल रही है और नई फसल मार्च में आने लगती है। ये लिमिट भी मार्च तक के लिए है।
जमाखोरी रोकने के लिए घटाई गई स्टॉक लिमिट
केंद्रीय उपभोक्ता मामलों, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के मुताबिक, स्टॉक लिमिट घटाने का मकसद जमाखोरी को रोकना है, जिससे पर्याप्त गेहूं उपलब्ध होने के बावजूद कीमतें बढ़ जाती हैं। सरकार की ओर कहा गया कि गेहूं का भंडार करने वाली संस्थाओं को गेहूं स्टॉक लिमिट पोर्टल (evegoils.nic.in/wsp/login) पर रजिस्ट्रेशन करना होगा।