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नये भाजपा अध्यक्ष के चुनाव में होगी देरी !

ऐसा लगता है कि भाजपा को नया अध्यक्ष मिलने से पहले कुछ और समय तक इंतजार…

10:47 AM Apr 25, 2025 IST | R R Jairath

ऐसा लगता है कि भाजपा को नया अध्यक्ष मिलने से पहले कुछ और समय तक इंतजार…

ऐसा लगता है कि भाजपा को नया अध्यक्ष मिलने से पहले कुछ और समय तक इंतजार करना होगा। पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पार्टी को अपने संगठनात्मक चुनावों को रोकने के लिए मजबूर कर दिया है। जेपी नड्डा का कार्यकाल 2024 में समाप्त हो गया है। वास्तव में, पूरे देश में राजनीतिक गतिविधि अस्थायी रूप से रुक गई है। देश पर्यटकों के नृशंस नरसंहार के लिए पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए सरकार के अगले कदम का इंतजार कर रहा है। देशभर के मुस्लिम संगठनों ने भी राष्ट्रीय शोक के साथ एकजुटता दिखाते हुए नए वक्फ बिल के खिलाफ अपने विरोध-प्रदर्शन को रोक दिया है। जिस तरह से राजनीतिक दल, समुदाय और नागरिक, खासकर कश्मीरी, आतंकी हमले का विरोध करने के लिए एक साथ आए हैं, वह उत्साहजनक है। सच तो यही है कि राष्ट्रीय आपदा या राष्ट्रीय शोक या किसी अन्य हादसे के मौके पर पूरा देश एक है यही हमारे देश की अनेकता में एकता का उदाहरण भी है। सर्वदलीय बैठक इसी बात का प्रमाण थी कि विपक्षी दलों ने कई मौकों पर जिनमें आमतौर पर कुछ मामलों को लेकर अलग-अलग राय रहती है, अपनी एकजुटता दिखाई। यह हमारे लोकतंत्र की विशेषता है। पहलगाम में पर्यटकों के नरसंहार को लेकर समूचे विपक्ष ने सरकार के साथ संकट की इस घड़ी में एकजुटता का परिचय दिया था।

अपने भरोसेमंद नौकरशाह को फडणवीस ने बनाया आर्थिक सलाहकार : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अपने पसंदीदा नौकरशाह परवीन परदेशी को सेवानिवृत्ति के बाद भी अपने नजदीक बनाये रखा है। सीएम ने हाल ही में परदेशी को राज्य मंत्री के पद के साथ अपना मुख्य आर्थिक सलाहकार नियुक्त किया है। यह पद विशेष रूप से उनके लिए बनाया गया है और आधिकारिक तौर पर इसका उद्देश्य आर्थिक मामलों पर सलाह देना है, लेकिन महाराष्ट्र के नौकरशाहों का मानना ​​है कि परदेशी अपने पद से कहीं अधिक प्रभाव डालेंगे। परदेशी फडणवीस के पहले कार्यकाल के दौरान उनके भरोसेमंद अधिकारी थे और सीएमओ में प्रधान सचिव के पद पर कार्यरत थे। सीएम से उनकी निकटता के कारण उन्हें बहुत अधिक प्रभाव रखने के लिए जाना जाता था। महाराष्ट्र के राजनीतिक हलकों में मजाक में कहा जाता है कि जब उन्हें फडणवीस के कानों तक पहुंचना होता है तो वे जानते हैं कि किसके पास जाना है।

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