पाकिस्तान पर होगा प्रचंड प्रहार!
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बिहार के मधुबनी में खड़े होकर पहलगाम आतंकी हमले में
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बिहार के मधुबनी में खड़े होकर पहलगाम आतंकी हमले में शामिल आतंकवादियों और पाकिस्तान को दो टूक संदेश दे दिया है कि भारत हर आतंकवादी और उसके समर्थकों की पहचान करेगा, जहां कहीं भी होंगे उन्हें तलाशा जाएगा और उन्हें ऐसा दंड दिया जाएगा जिसकी उन्होंने कल्पना भी नहीं की होगी। प्रधानमंत्री का यह कहना अपने आप में महत्वपूर्ण है कि अब आतंकवाद की बची-खुची जमीन नष्ट करने का समय आ गया है। प्रधानमंत्री का साफ इशारा पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर यानि पीओके की तरफ था। पहलगाम हमले के बाद दुनियाभर के नेताओं ने जितनी कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है उससे भारत को जबरदस्त कूटनीतिक समर्थन प्राप्त हो चुका है। राष्ट्र इस समय पूरी तरह एकजुट है। सभी राजनीतिक दल एक स्वर में बोल रहे हैं और कांग्रेस समेत सभी दलों ने सरकार द्वारा उठाए जा रहे हर एक्शन को अपना समर्थन दे दिया है। पहलगाम नरसंहार ने देश और दुनिया के जमीर को झकझोर कर रख दिया है। मासूम नागरिकों पर बिना किसी चेतावनी के हमला करना, गोली मारकर मौत के घाट उतारने से पहले हमलावरों द्वारा धर्म के आधार पर उनकी पहचान किया जाना दिमाग को सुन्न कर देता है। यह पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के इतिहास में नीचता के एक नए स्तर को दिखाता है।
भारत इस बार पराकाष्ठा की मुद्रा में है। पाकिस्तान पर जो भी कदम उठाए गए हैं उसकी साफ व्याख्या है कि खून के साथ जल नहीं बह सकता। भारत का यह स्टैंड रहा है कि आतंकवाद और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकते। उसी तरह आतंकिस्तान बन चुके पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि के तहत पानी भी सांझा नहीं किया जा सकता। नरसंहार के बाद पहली बार घाटी में अातंकवाद के खिलाफ मुखर प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। घाटी के राजनीतिक एवं सामाजिक संगठनों के साथ-साथ आम लोगों ने भी इस हमले की निंदा करते हुए यह संदेश दिया है कि उनकी आतंकवादियों से किसी भी तरह की सहानुभूति नहीं है। पहलगाम ही नहीं पूरे कश्मीर में पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों आैर मजदूरी करने वाले लोग भी आक्रोश में हैं। देशवासियों को यह भी देखना होगा कि कश्मीरी टट्टू वाले आदिल हुसैन शाह ने पर्यटकों की जान बचाने की कोशिश में अपनी जान गंवा दी। एक और टट्टू वाले का वीडियो वायरल हुआ है जिसमें अपनी जान पर खेलकर घायल पर्यटक को अपनी पीठ पर लाद कर बाहर निकाला। एक कायरतापूर्ण आतंकी हमले के लिए पूरे कश्मीरी आवाम को कठघरे में नहीं खड़ा किया जाना चाहिए। पूरे देश में ऐसी खबरें आ रही हैं कि लोग कश्मीरी मूल के लोगों से दुर्व्यवहार कर रहे हैं। कश्मीरी लोग आतंकित हैं कि कहीं ऐसे में उन्हें देशवासियों के गुस्से का शिकार न होना पड़े। यह समय बहुत चुनौतीपूर्ण है। राष्ट्रीय आपदा की इस घड़ी में भारतीयों का आंतरिक विभाजनों से बचना जरूरी है। सीमा पार भड़काए जा रहे आतंकवाद की सबसे कारगर काट है भारत की एकता। इसलिए प्रतिकार संयम से होना चाहिए।
पाकिस्तान इस समय पूरी तरह से खौफ में है और बौखला कर वह भारत को खोखली धमकियां देने में लगा हुआ है। उसने गीदड़ भभकी दी है कि वह सिंधु नदी का पानी रोकने को युद्ध के समान मानेगा और उसने शिमला समझौते को स्थगित करने की बात कही है। शायद पाकिस्तान के हुकमरान भूल गए कि अपने 90 हजार सैनिकों को मुक्त कराने के लिए तत्कालीन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री भुट्टो किस तरह शिमला में इंदिरा गांधी के सामने मिमियाये थे। जिस मुल्क ने भुट्टो को ही फांसी पर चढ़ा दिया और उन पर लगाए गए अन्य अभियोगों में एक यह भी था कि भुट्टो ने भारत के सामने पाकिस्तान के स्वाभिमान को ठेस पहुंचाई है उस मुल्क के लिए भुट्टो द्वारा हस्ताक्षरित समझौते का सम्मान किया जाएगा ऐसा सोचना गलत ही है। भारत को भी शिमला समझौते की मृतक देह ढोने का कोई शौक नहीं है। आज तक उसने इस समझौते का कोई सम्मान नहीं किया है। पाक अधिकृत कश्मीर में आतंकियों के प्रशिक्षण शिविर मौजूद हैं जो समय-समय पर भारत में आतंकवादी घुसपैठ करके निर्दोषों का खून बहाते हैं। पाकिस्तान का सच पूरी दुनिया जानती है लेकिन वह कभी भी इस बात को कबूल नहीं करेगा। पाकिस्तान की आर्थिक हालत इस समय इतनी खस्ता है कि वह युद्ध की बात तो दूर वह छोटा सा टकराव भी झेल नहीं पाएगा और बिखर जाएगा।
राष्ट्र पाकिस्तान पर वज्र प्रहार चाहता है। भारत को अभी और कदम उठाकर पाकिस्तान पर नकेल कसनी होगी। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने 20 से अधिक मित्र राष्ट्रों को हमले की जानकारी देकर उन्हें भरोसे में लिया है। भारत ने पाकिस्तान को अलग-थलग करने में पहले ही सफलता प्राप्त कर ली है। अफगानिस्तान से उसका टकराव चल रहा है। अमेरिका, पश्चिमी देश और पश्चिम एशिया भी उससे किनारा कर चुके हैं। ऐसे में भारतीयों को पाकिस्तान पर प्रचंड प्रहार का इंतजार है। मोदी सरकार को एक बार िफर सीमा पार जाकर आतंकियों के अड्डे ही नहीं बल्कि पाकिस्तानी फौज के ठिकानों पर हमले कर उन्हें विकलांग बना देना चाहिए। देशवासियों को उम्मीद है कि नरेन्द्र मोदी सरकार उचित समय पर फैसला लेगी।