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कुल की रक्षा के लिए इन 4 प्रभावशाली महिलाओं ने पति की मौत के बाद किया जेठ - देवर से विवाह

एक तरफ जहां कई ऐसी कहानियां है जिनमे भाभी ने अपने देवरों का ख़याल अपने बच्चों की तरह किया है वहीं रामायण से लेकर महाभारत तक कुछ ऐसे किस्से भी है जब पति की मौत के बाद भाभी ने अपने जेठ या देवर से शादी की है। आज हम आपको इतिहास की कुछ ऐसी प्रभावशाली महिलाओं के बारे में बता रहे है जिन्होंने अपने जेठ या देवर से शादी की है।

09:12 AM Dec 05, 2019 IST | Ujjwal Jain

एक तरफ जहां कई ऐसी कहानियां है जिनमे भाभी ने अपने देवरों का ख़याल अपने बच्चों की तरह किया है वहीं रामायण से लेकर महाभारत तक कुछ ऐसे किस्से भी है जब पति की मौत के बाद भाभी ने अपने जेठ या देवर से शादी की है। आज हम आपको इतिहास की कुछ ऐसी प्रभावशाली महिलाओं के बारे में बता रहे है जिन्होंने अपने जेठ या देवर से शादी की है।

प्राचीन काल से भाभी को मां सामान दर्जा दिया गया है और देवर – भाभी के बीच को रिश्ते को मां – बेटे का रिश्ता माना जाता है। एक तरफ जहां कई ऐसी कहानियां है जिनमे भाभी ने अपने देवरों का ख़याल अपने बच्चों की तरह किया है वहीं रामायण से लेकर महाभारत तक कुछ ऐसे किस्से भी है जब पति की मौत के बाद भाभी ने अपने जेठ या देवर से शादी की है। आज हम आपको इतिहास की कुछ ऐसी प्रभावशाली महिलाओं के बारे में बता रहे है जिन्होंने अपने जेठ या देवर से शादी की है। 
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तारा का सुग्रीव से विवाह :

महा पराक्रमी बाली का विवाह तारा से हुआ था और तारा खुद एक अप्सरा थी। जब श्रीराम ने बाली का बढ़ किया तो अंत समय में बाली ने अपनी पत्नी से कहा कि उसकी मृत्यु के बाद वो उसके छोटे भाई सुग्रीव से विवाह कर ले। पति की आज्ञा का पालन करते हुए तारा ने सुग्रीव से विवाह किया था। 
मंदोदरी :

मंदोदरी लंकापति रावण की पत्नी थी और वाल्मीकि रामायण में इस बात का जिक्र है की रावण की भगवान् श्रीराम के हाथों मृत्यु होने के बाद मंदोदरी ने रावण के भाई विभीषण से विवाह किया था। अपने अंत समय में रावण ने मंदोदरी से कहा था कि उसे भगवान् राम के हाथों मुक्ति मिल गयी है और मंदोदरी विभीषण से विवाह कर राज काज के कुशल सञ्चालन में उसकी मदद करे।  मंदोदरी कुल की मर्यादा की रक्षा के लिए भी विभीषण से विवाह किया था। 
भानुमति :

दुर्योधन ने बलपूर्वक कम्बोज राज्य की राजकुमारी भानुमति से शादी की थी पर वो कर्ण को पसंद करती थी। महाभारत के युद्ध में जब कर्ण और दुर्योधन दोनों मारे गए तो भानुमति ने अर्जुन को अपना पति मानकर उनसे विवाह कर लिया था। 
अम्बा और अम्बालिका : 

पितामह भीष्म ने काशी की राजकुमारी अम्बा और अम्बालिका का विवाह अपने सौतेले भाइयों चित्रांगद और विचित्रवीर्य से करवाया था।  इन दोनों की मृत्यु होने के बाद कुरु वंश को आगे बढ़ाने के लिए भीष्म को दोनों राजकुमारियों का विवाह वेदव्यास से करवाना पड़ा जो रिश्ते में इन दोनों के जेठ लगते थे। इस विवाह से धृतराष्ट्र और पाण्डु का जन्म हुआ था। 

ऐसे शब्दों का उपयोग करने वाले लोगों से हमेशा नाराज रहतीं हैं मां लक्ष्मी

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