आयुष्मान भारत को मिला दिल्ली का साथ, CM रेखा गुप्ता ने दिखाई हरी झंडी
नई दिल्ली , 6 जुलाई, 2025: राजधानी दिल्ली की सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था को सशक्त बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए, दिल्ली सरकार ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री जगत प्रकाश नड्डा के मार्गदर्शन में और मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता के नेतृत्व में आज विज्ञान भवन में आयोजित भव्य समारोह में 1,388 नर्सिंग अधिकारियों एवं 41 पैरा-मेडिकल स्टाफ को नियुक्ति पत्र प्रदान किए। इस अवसर पर आयुष्मान भारत पंजीकरण वैन को भी झंडी दिखाकर रवाना किया गया, जिससे प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY) और वय वंदना योजना के लाभ अब सीधे लोगों के दरवाजे तक पहुँच सकेंगे। ये वैन दिल्ली के कमजोर वर्गों में घर-घर जाकर पात्र लाभार्थियों का पंजीकरण करेंगी।इस कार्यक्रम में सांसद श्री प्रवीण खंडेलवाल, श्री रामवीर सिंह बिधूड़ी, सुश्री बांसुरी स्वराज, तथा कैबिनेट मंत्री श्री मनजिंदर सिंह सिरसा एवं श्री रविंद्र इंद्राज सिंह सहित अनेक विधायक व गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री जे.पी. नड्डा ने इस अवसर पर कहा: "यह केवल नियुक्ति अभियान नहीं, बल्कि दिल्ली की सार्वजनिक स्वास्थ्य भर्ती प्रणाली में 15 वर्षों की रिक्तता को भरने की ऐतिहासिक पहल है। ये नियुक्तियाँ राजधानी की स्वास्थ्य प्रणाली में विशेषज्ञ मानव संसाधन के एक नए युग की शुरुआत हैं। यह सब दिल्ली की जनता के हालिया जनादेश की बदौलत संभव हुआ है। आपने जो बटन दबाया, उसी ने इस बदलाव का रास्ता खोला।"प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में हमने दिल्ली के लिए ₹1,700 करोड़ का बजट आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन के लिए दिया था । दुर्भाग्यवश, 2021 से फरवरी 2025 तक उस राशि में से एक भी रुपया खर्च नहीं किया गया। अब एक सक्रिय सरकार के आने से हमें पूरी आशा है कि यह राशि आगामी आठ महीनों में दिल्ली की जनता के हित में पूरी तरह उपयोग हो जाएगी।”
आयुष्मान आरोग्य मंदिरों के माध्यम से निशुल्क जांच सुनिश्चित
श्री जे.पी. नड्डा ने इस अवसर पर कहा कि "हम अब उपचार से रोकथाम की ओर बढ़ रहे हैं। आयुष्मान आरोग्य मंदिरों के माध्यम से नागरिकों के लिए उच्च रक्तचाप, मधुमेह, कैंसर आदि की निशुल्क जांच सुनिश्चित कर रहे हैं। यह एक समग्र, संवेदनशील और पूर्व-निरोधात्मक दृष्टिकोण है, जो पहले की दिखावटी योजनाओं जैसे मोहल्ला क्लीनिक से कहीं आगे है। उन्होंने आगे कहा कि "आज दिए गए नियुक्ति पत्र केवल नौकरी नहीं, बल्कि एक पवित्र जिम्मेदारी का प्रतीक हैं। नर्सें और स्वास्थ्यकर्मी धरती पर ईश्वर के दूत होते हैं। इसे केवल रोजगार नहीं, बल्कि राष्ट्रसेवा का माध्यम समझा जाना चाहिए।”
श्री नड्डा ने यह भी साझा किया कि प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में देश में एम्स की संख्या बढ़कर 22 हो गई है, मेडिकल कॉलेज 387 से बढ़कर 780 हो गए हैं और मेडिकल सीटें 51,000 से बढ़कर 1.18 लाख तक पहुंच गई हैं। उन्होंने यह भी बताया कि आने वाले पाँच वर्षों में केंद्र सरकार का लक्ष्य और 75,000 सीटें जोड़ने का है और दिल्ली को इसमें अपनी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए।
पहली कैबिनेट बैठक में आयुष्मान भारत योजना को मंजूरी: मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता ने अपने संबोधन में कहा कि उनकी सरकार ने अपने पहले ही दिन की पहली कैबिनेट बैठक में आयुष्मान भारत योजना को मंजूरी दी थी। उन्होंने इसे तत्काल प्राथमिकता दी और त्वरित क्रियान्वयन सुनिश्चित किया, जिसका सकारात्मक असर अब साफ तौर पर देखा जा सकता है।“अब तक दिल्ली में 4 लाख से अधिक पात्र नागरिकों का पंजीकरण हो चुका है, जिनमें से 2 लाख से अधिक वरिष्ठ नागरिक वय वंदना योजना के तहत शामिल हुए हैं। इसके अतिरिक्त, 2,258 से अधिक मरीजों को योजना के तहत अस्पताल में मुफ्त उपचार मिल चुका है। वर्तमान में दिल्ली के 108 अस्पताल आयुष्मान भारत के तहत पैनल में शामिल हैं और यह संख्या निरंतर बढ़ रही है।”
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों के समय दिल्ली की स्वास्थ्य व्यवस्था जर्जर स्थिति में थी। उस समय प्रति 1,000 नागरिकों पर केवल 0.42 अस्पताल बेड उपलब्ध थे। 38 सरकारी अस्पतालों में केवल 6 MRI और 12 CT स्कैन मशीनें थीं, जो किसी भी महानगर के लिए बेहद चिंता की बात है। डॉक्टरों, मेडिकल स्टाफ, दवाओं और आधुनिक उपकरणों की भारी कमी थी। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार द्वारा प्रचारित मोहल्ला क्लीनिक नामक योजना बुनियादी ढांचे और निगरानी तंत्र के अभाव में पूरी तरह असफल रही।
उन्होंने यह भी बताया कि पूर्व सरकार ने केंद्र से मिले ₹1,750 करोड़ के फंड को वर्षों तक नहीं छुआ, जबकि वर्तमान सरकार ने उसी राशि से दिल्ली में 1,139 आयुष्मान आरोग्य मंदिर स्थापित करने का लक्ष्य रखा है। अब तक 100 आरोग्य मंदिर पूरी तरह बनकर तैयार हो चुके हैं, जिनमें से 34 का उद्घाटन हो चुका है, और शेष का उद्घाटन जल्द किया जाएगा। इसके साथ ही, जन औषधि केंद्र सरकारी अस्पतालों में खोले जा चुके हैं, जहाँ सस्ती दरों पर आवश्यक दवाइयाँ उपलब्ध करवाई जा रही हैं।
स्वास्थ्य क्षेत्र को सुदृढ़ करने की प्रतिबद्धता
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह दिन दिल्ली के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि के रूप में याद किया जाएगा, जब वर्षों बाद इतने बड़े स्तर पर — लगभग 1,400 नर्सिंग अधिकारियों को — नियुक्ति पत्र दिए गए। यह उनकी सरकार की स्वास्थ्य क्षेत्र को सुदृढ़ करने की प्रतिबद्धता का प्रमाण है।मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि अब दिल्ली के प्रत्येक अस्पताल को अपना अलग मेडिकल सुपरिटेंडेंट (MS) मिला है, जबकि पहले एक MS को कई अस्पतालों की जिम्मेदारी निभानी पड़ती थी जिससे सेवा की गुणवत्ता प्रभावित होती थी।
मुख्यमंत्री ने यह दोहराया कि यह नियुक्तियाँ केवल रोजगार नहीं बल्कि समाज और राष्ट्र की सेवा के पवित्र अवसर हैं। उन्होंने नव नियुक्त कर्मियों से आह्वान किया कि वे इस जिम्मेदारी को सेवा-भाव, करुणा और प्रतिबद्धता के साथ निभाएँ और एक मजबूत व उत्तरदायी स्वास्थ्य प्रणाली के निर्माण में भागीदार बनें।
इन नियुक्तियों से दिल्ली के अस्पतालों में वर्षों से चली आ रही स्टाफ की कमी को दूर किया गया है। आज नियुक्त हुए सभी नर्सिंग अधिकारियों और पैरामेडिकल स्टाफ का दिल्ली की स्वास्थ्य सेवा में हार्दिक स्वागत है ।”“यह केवल सेवा नहीं बल्कि राष्ट्र निर्माण का एक सुनहरा अवसर है। हर मरीज को करुणा और समर्पण के साथ देखें — यही हमारे कार्य का उद्देश्य होना चाहिए। मुझे पूर्ण विश्वास है कि ये सभी नव नियुक्त कर्मी दिल्लीवासियों की सेवा में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।”
इस अवसर पर दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. पंकज कुमार सिंह ने कहा कि सरकार दिल्ली की स्वास्थ्य सेवाओं को समावेशी, आधुनिक और नागरिक केंद्रित बनाने के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। यह शुरुआत भर है — असली परिवर्तन अभी बाकी है