शिव जी को बेलपत्र के साथ अप्रित करें ये 5 पत्ते, पूरी होंगी सारी मनोकामनाएं
हिंदू धर्म में सोमवार का दिन भगवान शिव के लिए माना गया है। इस दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना की जाती है। भोलेनाथ को बेलपत्र बहुत पंसद है। शिव पुराण में भी इसके बारे
11:29 AM Feb 09, 2020 IST | Desk Team
हिंदू धर्म में सोमवार का दिन भगवान शिव के लिए माना गया है। इस दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना की जाती है। भोलेनाथ को बेलपत्र बहुत पंसद है। शिव पुराण में भी इसके बारे में बताया गया है। भगवान शिव की पूजा के दौरान हर भक्त बेलपत्र रखता है ताकि वह भोलेनाथ को प्रसन्न कर सकें। लेकिन कई ऐसे दूसरे पत्ते भी हैं जो भगवान शिव को बहुत पसंद हैं। भगवान शिव जी की पूजा में बेलपत्र के साथ ही इन पत्तों को भी रखना चाहिए। चलिए जानते हैं कौन से पत्ते भगवान शिव जी के प्रिय हैं।
भांग का पत्ता
बेलपत्र के बाद भगवान शिव को भांग का पत्ता या भांग का शर्बत बहुत पसंद है। शिव जी को प्रसन्न करने के लिए आप उन्हें भांग का पत्ता या भांग का शर्बत चढ़ा सकते हैं। दरअसल भांग एक औषधि है। मान्यताओं के अनुसार हलाहल विष का पान जब शिव जी ने किया था तब भांग के पत्तों का उपयोग जहर का इलाज करने के लिए किया था।
धतूरा का फल और पत्ता
औषधि के रूप में धतूरा का फल और पत्ता उपयोग किया जाता है। शिव पुराणों के अनुसार, धतूरा शिव जी को बहुत प्रिय है। जो भक्त पूजा में भगवान शिव जी को अधूता अर्पित करते हैं उन्हें धन-धान्य का वरदान शिव जी देते हैं।
आक का फूल और पत्ता
भगवान शिव को आक का फूल और पत्ता दोनों ही बहुत पसंद हैं। भगवान शिव को जो भक्त आक अर्पित करते हैं उनकी मानसिक और शारीरिक कष्टों को दूर कर देते हैं। मान्यताओं के अनुसार, आक से मिले लाख यानी शिव जी को जो भी आक अर्पित करता है उनकी गरीबी को भोलेनाथ दूर कर देते हैं।
पीपल का पत्ता
पुराणों के अनुसार, त्रिदेवों का वास पीपल पर होता है। भगवान शिव जी भी पीपल के पत्तों पर विराजमान होते हैं। भोलेनाथ अपने भक्तों को शनि के प्रकोप से बचाते हैं जो उन्हें पीपल के पत्ते अर्पित करते हैं।
दूर्वा
पुराणों में दूर्वा यानी घास के बारे में बताया गया है कि अमृत उसमें बसा हुआ है। दूर्वा भोलेनाथ और गणपति को बहुत प्रिय है। अकाल मृत्यु का भय दूर्वा भोलेनाथ को अर्पित करने से दूर हो जाता है।
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