इस देश से हर साल एक लाख नए फाइटर्स चीन से लड़ने के लिए होंगे तैयार, सभी नागरिकों के लिए MilitaryTraining होगी कंपल्सरी
युद्ध लड़ने के लिए सक्षम होने के लिए एक नया फ़ैसला लिया गया है जहाँ चीन से लड़ने के लिए ये देश हर साल 1, लाख नए फाइटर्स को तैयार किया जाएगा आपको बता दें कि सभी नागरिकों को अब मिलिट्री ट्रेनिंग लेनी होगी दरअसल चीन की विस्तारवादी नीति किसी से छिपी नहीं है।यही वजह है कि चीन का भारत समेत 17 देशों से सीमा को लेकर विवाद है। इन देशों में एक ताइवान भी है।
03:34 PM Dec 29, 2022 IST | Desk Team
युद्ध लड़ने के लिए सक्षम होने के लिए एक नया फ़ैसला लिया गया है। इसी क्रम में ताइवान की राष्ट्रपति साइ इंग वेन ने बड़ा ऐलान किया।इसके तहत अब ताइवान में हर नागरिक के लिए 1 साल की मिलिट्री ट्रेनिंग लेना अनिवार्य हो गया है।चीन की विस्तारवादी नीति किसी से छिपी नहीं है।यही वजह है कि चीन का भारत समेत 17 देशों से सीमा को लेकर विवाद है। इन देशों में एक ताइवान भी है।चीन ताइवान को अपना हिस्सा बताता है और लगातार उसपर कब्जा करने की कोशिश में है।ताइवान ने चीन की हरकतों का जवाब देने के लिए अब अपनी सैन्य क्षमताओं को और बढ़ाने का फैसला किया है।
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ताइवान की राष्ट्रपति साइ इंग वेन ने किया बड़ा ऐलान
ताइवान की राष्ट्रपति साइ इंग वेन ने बड़ा ऐलान किया. इसके तहत अब ताइवान में हर नागरिक के लिए 1 साल की मिलिट्री ट्रेनिंग लेना अनिवार्य हो गया है।यह 2024 से लागू होगा अभी तक ताइवान में हर नागरिक को चार महीने की मिलिट्री ट्रेनिंग लेनी होती थी।साइ इंग वेन ने कहा कि जिस तरह के हालात पैदा हो रहे हैं, उसके हिसाब से ताइवान की रक्षा के लिए चार महीने की ट्रेनिंग पर्याप्त नहीं है।
राष्ट्रपति साइ इंग वेन ने फैसला ताइवान की सुरक्षा के लिए जरूरी बताया
ताइवान की राष्ट्रपति साइ इंग वेन ने कहा कि कोई युद्ध नहीं चाहता। न ही ताइवान के लोग और न ही सरकार और न ही अंतरराष्ट्रीय समुदाय। लेकिन यह फैसला ताइवान की सुरक्षा के लिए जरूरी है। उन्होंने कहा कि हमें युद्ध को रोकने के लिए युद्ध की तैयारियां करने की जरूरत है। हमें युद्ध को रोकने के लिए युद्ध लड़ने में सक्षम होना चाहिए।
ताइवान के डिफेंस मिनिस्ट्री ने बताया
44 हफ्ते की ग्राउंड ट्रेनिंग होगी ताइवान के डिफेंस मिनिस्ट्री ने बताया कि ताइवान में पहले 8 हफ्तों की ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके बाद 44 हफ्तों की ग्राउंड ट्रेनिंग दी जाएगी। ट्रेनिंग के दौरान युवाओं को ड्रोन जैसे आधुनिक हथियार चलाना सिखाया जाएगा। साथ ही युद्ध के दौरान जान बचाने संबंधी ट्रेनिंग दी जाएगी। इतना ही नहीं मिलिट्री ट्रेनिंग के दौरान मिलने वाली सैलरी को भी 195 डॉलर से बढ़ाकर 650 डॉलर करने का फैसला किया गया है। अमेरिका ने ताइवान के इस कदम का स्वागत किया है।
चाइवान में सेना को चार कैटेगरी में बांटा जाएगा
ताइवान की राष्ट्रपति साइ इंग वेन ने सैन्य स्ट्रक्चर में बदलाव का भी ऐलान किया। अब चाइवान में सेना को चार कैटेगरी में बांटा जाएगा। ये कॉम्बेट फोर्स, गैरीसन फोर्ट, सिविल डिफेंस सिस्टम और रिजरविस्ट फोर्स होंगी। मुख्य कॉम्बेट फोर्स में पेशेवर सैनिक शामिल होंगे और सीमा सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालेंगे। जबकि गैरीसन फोर्स सैन्य टुकड़ियों से बना होगा और ताइवान के भीतर प्रमुख बुनियादी ढांचे की सुरक्षा में तैनात रहेगा। ताइवान की राष्ट्रपति साइ इंग वेन के इस फैसले से जहाँ कई लोग खुश हैं तो कई को आपतत्ति भी है । फ़िलहाल यह ब्यान चर्चाओं में है।
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