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'ये हमारे DNA में हैं...', वक्फ संशोधन कानून पर सुनवाई के दौरान SC में ये क्या बोल गए कपिल सिब्बल?

कपिल सिब्बल ने वक्फ संशोधन पर SC में दिया चौंकाने वाला बयान

03:18 AM May 20, 2025 IST | Shivangi Shandilya

कपिल सिब्बल ने वक्फ संशोधन पर SC में दिया चौंकाने वाला बयान

वक्फ संशोधन कानून 2025 के तहत कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में चिंता व्यक्त की कि वक्फ संपत्तियों पर विवाद की स्थिति में सरकारी अधिकारी का निर्णय अंतिम होगा। उन्होंने तर्क दिया कि वक्फ बोर्ड में गैर मुस्लिमों की बहुमत से वक्फ संपत्तियों का नियंत्रण प्रभावित हो सकता है।

Waqf Amendment Act 2025: वक्फ संशोधन कानून 2025 को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आज यानी मंगलवार को सुनवाई हुई. इस दौरान वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष कई गंभीर मुद्दे उठाए. उन्होंने कहा कि नए संशोधित कानून में किसी भी व्यक्ति को वक्फ संपत्ति पर आपत्ति जताने का अधिकार दे दिया गया है. उन्होंने तर्क दिया कि अगर संपत्ति पर विवाद खड़ा हो जाता है, तो वह संपत्ति वक्फ नहीं मानी जाएगी।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सिब्बल ने कोर्ट से पूछा कि 100 से 200 साल पुरानी वक्फ संपत्तियों के दस्तावेज आज कहां से लाए जा सकते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि जब कोई संपत्ति अल्लाह के नाम पर वक्फ कर दी जाती है, तो वह स्थायी रूप से वक्फ हो जाती है और उसे किसी अन्य को हस्तांतरित नहीं किया जा सकता. वहीं याचिकाकर्ताओं की ओर से सिब्बल ने दलील दी कि यह हमारे डीएनए में हैं.

वक्फ संपत्ति पर निर्णय को लेकर जताई चिंता

चीफ जस्टिस भूषण रामाकृष्ण गवई और जस्टिस एजी मसीह की बेंच के सामने सिब्बल ने यह भी चिंता जताई कि नए कानून के तहत अगर किसी संपत्ति को लेकर विवाद उठता है, तो उस पर निर्णय लेने का अधिकार एक सरकारी अधिकारी के पास होगा. इससे वक्फ बोर्ड का नियंत्रण समाप्त हो सकता है.

वक्फ बोर्ड में गैर मुस्लिमों के बहुमत पर आपत्ति

वरिष्ठ वकील ने कहा कि नए कानून में वक्फ बोर्ड और वक्फ काउंसिल में गैर मुस्लिमों की बहुमत हो सकता है. उन्होंने बताया कि किसी राज्य वक्फ बोर्ड में 12 गैर मुस्लिम सदस्य और केवल 10 मुस्लिम सदस्य हो सकते हैं. पहले जिन पदों पर चुनाव होता था, अब वहां सरकार द्वारा किसी भी व्यक्ति को नामित किया जा सकता है, चाहे वह मुस्लिम न हो.

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वक्फ के लिए धर्म-समय की शर्तें अनुचित’

कपिल सिब्बल ने यह भी मुद्दा उठाया कि अब किसी व्यक्ति को वक्फ करने के लिए कम से कम पांच वर्षों से मुस्लिम होना अनिवार्य कर दिया गया है. इसके अलावा संपत्ति विवाद के मामलों का निर्णय अब कलेक्टर के हाथों में होगा. उन्होंने आशंका जताई कि इन प्रावधानों के लागू होने से वक्फ संस्थाओं को अपूरणीय क्षति पहुंचेगी.

सीजेआई गवई ने पूछे सवाल

इस दौरान मुख्य न्यायाधीश भूषण रामाकृष्ण गवई ने सवाल किया कि जब संपत्ति पर विवाद की जांच शुरू होगी, तो क्या वह संपत्ति सरकार के नियंत्रण में चली जाएगी? इस पर सिब्बल ने जवाब दिया कि हां, ऐसा बिना किसी सुनवाई के होगा. यदि कोई व्यक्ति संपत्ति को विवादित घोषित कर दे, तो वक्फ बोर्ड का नियंत्रण तत्काल समाप्त हो जाएगा.

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