SBI की इस नई नीति से खत्म होगा फ्रॉड का खतरा! अब ATM से पैसे निकालना हो जाएगा सुरक्षित
भारत में लगातार बढ़ते फ्रॉड के मद्देनजर भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने अपने ग्राहकों की सुरक्षा के लिए नए सिस्टम को लागु किया है।
03:46 PM Apr 11, 2022 IST | Desk Team
भारत में लगातार बढ़ते फ्रॉड के मद्देनजर भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने अपने ग्राहकों की सुरक्षा के लिए नए सिस्टम को लागु किया है। दरअसल अब एसबीआई के ग्राहक एटीएम पर अनऑथराइज्ड (अनधिकृत) लेनदेन से बचने के लिए बैंक के वन-टाइम पासवर्ड (ओटीपी) आधारित नकद निकासी सेवा का उपयोग कर सकते हैं। यह ओटीपी एक चार अंकों की संख्या है जिसका उपयोग एक बार लेनदेन के लिए किया जा सकेगा, इससे यूजर की पहचान को सत्यापित करने में आसानी रहेगी।
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रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर आएगा OTP
एसबीआई के ग्राहक अपने पंजीकृत मोबाइल नंबर पर जारी किए गए ओटीपी के साथ-साथ अपने डेबिट कार्ड पिन को हर बार दर्ज करके एटीएम से 10,000 रुपये या उससे अधिक की निकासी कर सकते हैं। यह सुविधा 1 जनवरी 2020 से चालू है। एसबीआई ने ट्वीट किया, “एसबीआई एटीएम लेनदेन के लिए हमारी ओटीपी आधारित नकद निकासी प्रणाली एक धोखाधड़ी-रोकथाम टीका है। हमारा पहला उद्देश्य हमेशा आपको धोखाधड़ी से सुरक्षित रखना होगा।”
जानिए कैसे काम करता है SBI का OTP सिस्टम:
- एसबीआई के एटीएम से पैसे निकालने के लिए ओटीपी की जरूरत होती है।
- वन-टाइम पासवर्ड (ओटीपी) चार अंकों का एक नंबर होता है जिसका इस्तमाल सिर्फ एक बार उपयोगकर्ता की पहचान की पुष्टि के लिए होगा।
- एटीएम स्क्रीन पर आप जितनी राशि निकालना चाहते हैं उसे दर्ज करने के बाद ओटीपी स्क्रीन दिखाई देगी।
- नकद प्राप्त करने के लिए, अब आपको इस स्क्रीन पर अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर प्राप्त ओटीपी दर्ज करना होगा।
- आखिरी स्टेप में ओटीपी दर्ज करने के बाद ही ट्रांजैक्शन पूरा हो जायेगा।
भारत में कार्डलेस ट्रांजैक्शन को मिलेगा बढ़ावा
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को सभी बैंकों को धोखाधड़ी से बचने के लिए एटीएम के माध्यम से कार्ड रहित नकद निकासी शुरू करने में सक्षम बनाने का निर्णय लिया था।” अब सभी बैंकों और एटीएम नेटवर्क में कार्डलेस नकद निकासी को सक्षम करने के लिए यूपीआई का उपयोग करने का सुझाव दिया गया है।” इस तरह के लेनदेन के लिए एक वास्तविक कार्ड की आवश्यकता को समाप्त करने से कार्ड स्किमिंग, कार्ड क्लोनिंग और धोखाधड़ी के अन्य रूपों से बचने में मदद मिलेगी।”
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