इस राज्य में शादी से पहले अब कराना होगा HIV टेस्ट! नया प्लान तैयार कर रही सरकार
HIV: मेघालय सरकार राज्य में बढ़ते HIV और एड्स मामलों को गंभीरता से ले रही है। इसी सिलसिले में राज्य की स्वास्थ्य मंत्री एम्परीन लिंगदोह ने जानकारी दी है कि सरकार विवाह से पहले एचआईवी टेस्ट को अनिवार्य बनाने पर विचार कर रही है। यह फैसला राज्य में एचआईवी संक्रमण की रोकथाम के उद्देश्य से लिया जा सकता है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि पूर्वी खासी हिल्स जिले में अब तक 3,432 HIV और एड्स के केस सामने आ चुके हैं। इनमें से केवल 1,581 मरीजों को ही उचित इलाज मिल पा रहा है, जो चिंता का विषय है। मरीजों की तुलना में इलाज पाने वालों की संख्या बहुत कम है।
HIV को लेकर बैठक में हुआ निर्णय
HIV टेस्ट का विचार एक विशेष बैठक के बाद सामने आया, जो उपमुख्यमंत्री प्रेस्टन टिनसांग की अध्यक्षता में हुई। बैठक में पूर्व खासी हिल्स के आठ विधायकों ने हिस्सा लिया और HIV के बढ़ते मामलों पर चर्चा की गई। इसी बैठक के दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने यह प्रस्ताव रखा।
गोवा की तरह मेघालय में भी कानून!
एम्परीन लिंगदोह ने उदाहरण देते हुए कहा कि गोवा राज्य में विवाह से पहले HIV जांच पहले से ही अनिवार्य है। अगर गोवा ऐसा कर सकता है, तो मेघालय क्यों नहीं? उन्होंने कहा कि इससे समाज को व्यापक स्तर पर लाभ होगा और HIV संक्रमण के प्रसार को रोका जा सकेगा।
नीति निर्माण की दिशा में कदम
सरकार ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिया है कि वह इस नीति से संबंधित एक कैबिनेट नोट तैयार करे। साथ ही, यह निर्णय लिया गया है कि राज्य के अन्य क्षेत्रों – गारो हिल्स और जैंतिया हिल्स में भी इसी तरह की बैठकें की जाएंगी, ताकि स्थानीय हालात को समझते हुए रणनीति बनाई जा सके।
विशेषज्ञों की सलाह से बनेगी योजना
स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि यह नीति किसी जल्दबाजी में नहीं बनाई जाएगी। इसके लिए चिकित्सा विशेषज्ञों और प्रशासनिक अधिकारियों से परामर्श लिया जाएगा। राज्य सरकार इस HIV मुद्दे पर गंभीरता से काम कर रही है और आवश्यक सख्त कदम उठाने के लिए तैयार है।
यह भी पढ़ें- झारखंड में एक और सैनिक स्कूल खोलने के लिए केंद्र को प्रस्ताव भेजेगी राज्य सरकार
झारखंड में एक और सैनिक स्कूल खोलने के लिए केंद्र को प्रस्ताव भेजेगी राज्य सरकार रांची, 25 जुलाई (आईएएनएस)। झारखंड सरकार राज्य में एक और सैनिक स्कूल की स्थापना के लिए केंद्र को प्रस्ताव भेजेगी। राज्य की मुख्य सचिव अलका तिवारी ने शुक्रवार को संबंधित विभागीय बैठक में स्कूली शिक्षा सचिव को इसके लिए पहल करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि राज्य में एक और सैनिक स्कूल की आवश्यकता महसूस की जा रही है, क्योंकि कई राज्यों में दो-दो सैनिक स्कूल संचालित हैं, वहीं झारखंड के तिलैया स्थित सैनिक स्कूल में देशभर में सर्वाधिक 875 छात्र पढ़ाई कर रहे हैं।
झारखंड, जरूरतों को पूरा करने का भरोसा दिलाया
मुख्य सचिव ने बैठक में सैनिक स्कूल, तिलैया की मूलभूत जरूरतों को पूरा करने का भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा कि स्कूल के लिए 9.49 करोड़ रुपये की लागत से नई जलापूर्ति योजना बहाल की जाएगी, जिसकी तकनीकी स्वीकृति पेयजल एवं स्वच्छता विभाग से प्राप्त हो चुकी है। साथ ही, स्कूल परिसर में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण का प्रस्ताव देने का निर्देश दिया गया है। स्टाफ क्वार्टरों के रख-रखाव के लिए भवन निर्माण विभाग को कार्रवाई करने को कहा गया है। बैठक में सैनिक स्कूल तिलैया ने कर्मियों के पेंशन, पारिवारिक पेंशन, एनपीएस और अन्य लाभ राज्य सरकार द्वारा वहन किए जाने का प्रस्ताव रखा, जिस पर मुख्य सचिव ने स्कूली शिक्षा विभाग को निर्देश दिया कि दूसरे राज्यों के सैनिक स्कूलों के मॉडल का परीक्षण कर आगे की कार्रवाई करें।
वार्षिक स्वास्थ्य जांच
अनुमान है कि इस मद में लगभग 7 करोड़ रुपये का व्यय होगा। इसके अलावा, सैनिक स्कूल तिलैया के छात्रों की वार्षिक स्वास्थ्य जांच अब कोडरमा में ही कराई जाएगी। अब तक इसके लिए छात्रों को हजारीबाग जाना पड़ता था...