Top NewsIndiaWorld
Other States | Delhi NCRHaryanaUttar PradeshBiharRajasthanPunjabJammu & KashmirMadhya Pradeshuttarakhand
Business
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgetsvastu-tipsExplainer
Advertisement

इस मंदिर को कहा जाता है 'नर्क का द्वार', जानें के बाद नहीं लौटता कोई

रहस्यमयी मंदिर जहां से लौटना मुश्किल

04:12 AM May 16, 2025 IST | Shivangi Shandilya

रहस्यमयी मंदिर जहां से लौटना मुश्किल

तुर्की के हेरापोलिस में स्थित मंदिर को ‘नर्क का द्वार’ कहा जाता है। यहां जाने वाले लोग वापस नहीं लौटते। माना जाता है कि यहां देवताओं का प्रकोप है। 2018 में हुए शोध में पाया गया कि मंदिर के अंदर कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर 91 प्रतिशत है, जिससे वहां जाने वाले की मृत्यु हो जाती है।

तुर्की के हेरापोलिस में एक ऐसा मंदिर है, जहां जो भी जाता है, वह वहां से वापस नहीं लौटता। इसी वजह से इस मंदिर को नर्क का द्वार भी कहा जाता है। इसके पीछे बहुत मान्यताएं हैं, एक कि यहां देवताओं का प्रकोप है, इसलिए ऐसा होता है। बता दें कि तुर्की का प्राचीन शहर हिएरापोलिस भारत और विदेश के पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा है। वहां अक्सर वहीं लोग घूमने जाते थे जिन्हे पुरातत्व पसंद था। लेकिन इस दौरान जो सैलानी इस मंदिर में गलती से चला जाता है वह वहां से वापस नहीं लौटा। कहा जाता है कि यहां जाने वाले लोगों की मृत्यु हो जाती थी। इसी कारण से इस मंदिर को लेकर कई रहस्यमयी बाते सामने आने लगी।

Advertisement

प्लूटो का मंदिर

इन घटनाओं के बाद इसे प्लूटो का मंदिर कहा जाने लगा, जबकि कुछ लोग इसे मौत के देवता का मंदिर कहने लगे। मौतों के कारण स्थानीय लोगों ने इस मंदिर के पास जाना बंद कर दिया और पर्यटकों को भी वहां जाने की अनुमति नहीं दी। कहा जाता है कि कई बार मंदिर के दरवाजे पर पिंजरे में पक्षी रखे जाते थे ताकि यह साबित हो सके कि यहां मौत के देवता रहते हैं क्योंकि जो भी पक्षी वहां रखा जाता था वह कुछ ही पलों में मर जाता था। इस घटना के बाद तुर्की के इस मंदिर चर्चा में आ गया। प्लूटो मंदिर लोगों के लिए खतरा बन गया। जबकि इस मंदिर के बारे में कुछ अधिक जानकारी सामने नहीं आई।

2018 में किया गया रिसर्च

इस मंदिर का रहस्य 2018 में तब सामने आया, जब प्राचीन यूनानी भूगोलवेत्ता स्ट्रैबो ने अपना शोध किया। अपने शोध में उन्होंने माना कि जो भी इसके अंदर जाता है, वह ज़िंदा वापस नहीं आ सकता। स्ट्रैबो ने मंदिर में एक पक्षी भेजा, जो कुछ ही देर में मर गया। उन्होंने इसका कारण गुफा में मौजूद कार्बन डाइऑक्साइड को बताया, जिसका स्तर वहाँ 91 प्रतिशत था।

Advertisement
Next Article