Top NewsIndiaWorldOther StatesBusiness
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgetsvastu-tipsExplainer
Advertisement

इस बार महिला दिवस कुछ इस तरह....

NULL

09:23 AM Mar 10, 2019 IST | Desk Team

NULL

हर साल महिला दिवस बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। मेरा मानना है कि हर दिन महिला का है इसलिए हर दिन ही महिला दिवस के रूप में मनाया जाना चाहिए। अगर किसी भी देश को शक्तिशाली होना है तो पहले समाज, फिर हर घर की महिला को सशक्त करना होगा और पिछले कुछ वर्षों से मैं अनुभव कर सकती हूं कि महिला सशक्त हो रही है क्योंकि 2 से लेकर 14 तारीख तक रोज महिलाओं के कार्यक्रम के लिए आमंत्रित हूं। हर तरह हर रूप में इसे मनाया जा रहा है। सही मायने में इस बार के महिला दिवस को पुलवामा के शहीदों की पत्नियों, माताओं, बहनों और बेटियों को समर्पित करती हूं जिन्हें अपने जीवन के अगले वर्षों का बहुत बहादुरी से सामना करना है।

आज हमारे देश की लोकसभा स्पीकर, विदेश मंत्री, रक्षा मंत्री, समाज कल्याण मंत्री, कपड़ा मंत्री और कई महत्वपूर्ण सरकारी पदों पर महिलाएं विराजमान हैं। बहुत ही अच्छा लगता है जब एक महिला रक्षा मंत्री सभी रक्षा अधिकारियों की मीटिंग लेती हैं। गांवों की सरपंच महिलाएं हैं। आज ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ के अंतर्गत महिलाएं आगे बढ़ रही हैं। काफी हद तक गांव शौचालययुक्त हो चुके हैं। लकड़ी के धुएं से मुक्त हो चुके हैं। कई घरों की महिलाओं के गैस के चूल्हे के सपने पूरे हो चुके हैं।

पिछले दिनों हरियाणा के इन्द्री में मुझे लगभग 12,000 महिलाओं के सामाजिक फंक्शन में बतौर मुख्यातिथि बुलाया गया आैर हरियाणा से आई विभिन्न महिलाओं-बेटियों को सम्मानित किया गया। वहां उस गांव के सरपंच सुरेन्द्र उडाना और सेल्फी विद डॉटर को शुरू करने वाले सुनील जागलान ने कमाल ही कर दिया कि इस प्रोग्राम की अध्यक्षता आम महिला, जो भीड़ में से होगी, पर्ची द्वारा सलेक्ट करवाकर उससे प्रोग्राम की अध्यक्षता करवाई जाएगी तो वहां पर्ची निकली आशा वर्कर बाला देवी की जो गांव की साधारण महिला है।

जब उसे इतने बड़े मंच पर अध्यक्षता करने के लिए बुलाया गया तो उसके गालों की लाली, अन्दरूनी खुशी और एक आम भारतीय नारी के संस्कार झलक रहे थे और जब उसको माइक दिया गया तो पहले उससे बोला नहीं जा रहा था परन्तु उसके चेहरे की खुशी इतनी थी कि धीरे-धीरे उसमें आत्मविश्वास आया और उसने कुछ साधारण सी लाइनें बोलीं जिसे देख-सुनकर मेरे मुख से निकला- यह है असली महिला दिवस क्योंकि लगभग 12,000 महिलाओं के आगे एक साधारण सी पीछे की पंक्ति की महिला अध्यक्षता कर रही थी।

शायद उसने सपने में भी नहीं सोचा होगा और वह हर आम महिला को प्रोत्साहित कर रही थी। मुझे लग रहा था देश बदल रहा है, महिला का हौसला बढ़ रहा है। यही नहीं 2 तारीख को बाइक रैली थी। मुझसे ​जिला अध्यक्ष द्वारा पूछा गया कि क्या मैं इसमें हिस्सा लूंगी। सांसद की पत्नी होने के नाते मैंने कहा, क्यों नहीं। अगर कोई महिला चलाएगी तो मैं उसके पीछे बैठूंगी। कह तो दिया परन्तु अन्दर से मैं डर रही थी कि न कभी बाइक चलाई, न कभी बाइक पर बैठी तो क्या करूंगी परन्तु मैं एक आत्मविश्वासी महिला हूं, जो कह दिया वो करती हूं। सो मैंने सोच लिया कि कुछ भी हो जाए, हिस्सा जरूर लूंगी। मेरे बेटे मुझसे नाराज हो रहे थे कि मां अगर गिर गई तो…।

मेरे लिए करनाल की नवनिर्वाचित युवा पार्षद 26 साल की मेघा भंडारी चुनी गईं। जब मैं उससे मिली तो वह इतनी पतली कि मैंने मन में सोचा अरे किरण आज तो तू मरी, इतनी कमजोर लड़की के पीछे तू सेहतमंद कैसे बैठेगी परन्तु मेघा भंडारी का साहस, हौसला, कान्फीडेंस देखकर मैं दंग रह गई। उसके हौसले से मेरा हौसला भी बना। फिर मैं उसके पीछे बैठी। दो सैकिंड मैं डरी परन्तु फिर ऐसा हौसला बना कि बाइक राइड रोमांचक हो गई। बहुत सी महिलाओं का मेरे साथ ग्रुप चल रहा था। पहले शुरू-शुरू में मैं अन्दर से डरी हुई थी परन्तु सांसद की पत्नी होने के नाते सबको उत्साहित कर रही थी। थोड़ी देर में मैंने महसूस किया कि मैं साहस, विश्वास से भरपूर थी आैर महसूस कर रही थी कि पहले अपने अन्दर एक बदलाव और अन्दर ही अन्दर गीत चल रहा था-

मेरा देश बदल रहा है…
यही नहीं चौपाल के 90 प्रोग्राम होते-होते जो मैं सेवा बस्तियों में रहने वाली महिलाओं में एक अपने पांवों पर खड़े होने का विश्वास देखती हूं और कई महिलाओं से ​मिलती हूं जो अपने पांवों पर चौपाल द्वारा स्वाभिमान से जीविका कमा रही हैं तो इतना गर्व महसूस होता है और व​रिष्ठ नागरिक केसरी क्लब की 60 या 80 महिला का भी विश्वास, साहस देखकर खुशी महसूस होती है जो इस उम्र में मेरे सपनों को साकार करती सुंदर, विश्वास के साथ तैयार होकर आती हैं। सच में महिला दिवस वही जहां हर पंक्ति में खड़ी महिला आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक रूप से सशक्त हो।

Advertisement
Advertisement
Next Article