मुर्शिदाबाद हिंसा के बाद हजारों हिंदू पलायन को मजबूर, कई इलाकों में इंटरनेट थप
हिंसा के बाद मुर्शिदाबाद में हिंदुओं का पलायन, इंटरनेट बंद
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ बोर्ड कानून के खिलाफ हिंसा के बाद हजारों हिंदू पलायन को मजबूर हो गए हैं। हालात इतने खराब हो गए हैं कि पुलिस को BSF की मदद लेनी पड़ी है। फेक न्यूज़ रोकने के लिए चार जिलों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है।
वक्फ बोर्ड कानून के खिलाफ पश्चिम बंगाल में बवाल मचा हुआ है। पिछले कई दिनों से बंगाल के मुर्शिदाबाद में हिंसा भड़की हुई है। इस वजह से हिंदू पलायन को मजबूर हैं। मुर्शिदाबाद का हिंसा अब गंभीर रूप ले लिया है। जिसके बाद कई लोगों की जान जाने की खबर सामने आई है। वहीं कई लोगों के घायल होने की भी जानकारी मिली है। हालात इतने खराब हो गए है कि पुलिस को BSF की मदद लेनी पड़ी है। राज्य की ममता सरकार से लेकर मोदी सरकार की नजर इस दंगे पर हैं। लोगों के बीच किसी तरह की कोई फेक न्यूज़ नहीं फैले इसलिए चार जिलों के इंटरनेट को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है।
150 से अधिक लोग अरेस्ट
बता दें कि बंगाल में भड़की हिंसा के बाद अभी तक 150 से अधिक लोग हिरासत में लिए जा चुके हैं। हिंसा की खबरों के बीच बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री का बड़ा बयान सामने आया है। धीरेंद्र शास्त्री ने कहा है कि अब वो दिन दूर नहीं है जब हिंदू को मध्यप्रदेश से भागना पड़ेगा। इसके साथ-साथ गुजरात और अन्य जगहों से भी हिंदुओं को भागना पड़ेगा। आगे उन्होंने कहा कि हिंदू डरा हुआ है और अधिक डराया जा रहा है।
राज्य सचिवालय का आदेश
बता दें कि पश्चिम बंगाल के राज्य सचिवालय की तरफ से जारी आदेश के अनुसार, हिंसा प्रभावित मुर्शिदाबाद के साथ-साथ जंगीपुर, मालदा और बीरभूम के कई इलाकों में 15 अप्रैल रात 10 बजे तक इंटरनेट की सेवाओं पर रोक लगाई गई है। इस दौरान हिंसा प्रभावी जगहों पर कड़ी नजर रखा जा रहा है। इसको लेकर राज्यपाल और सीएम ममता में लगातार बातचीत हो रही है। BSF और राज्य पुलिस सहित कई अधिकारियों से रिपोर्ट जमा की जा रही है।
एक्स पर किया जा रहा दावा
पश्चिम बंगाल के नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने दावा किया है कि मुर्शिदाबाद के सुती, समसेरगंज, जंगीपुर, धुलियान और फरक्का तथा अन्य इलाकों से कई हिंदू परिवार हाल ही में पलायन कर पड़ोसी जिलों में शरण ले रहे हैं। उन्होंने X पर लिखा, ‘जो लोग बाहर नहीं जा पाए, वे अपनी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उनके घरों को लूट लिया गया है और तोड़फोड़ की गई है। यहां तक कि उनके पीने के पानी के कुओं को भी जहरीला कर दिया गया है। कुछ लोग बीएसएफ कर्मियों की सहायता से अपने घरों में वापस आ गए हैं।
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