पंजाब / सीएए के समर्थन में अमृतसर, पटियाला और पठानकोट में हुई रैली, तो लुधियाना, मालेरकोटला में हुआ खुलकर विरोध
देश के अलग-अलग हिस्सों में कही नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के समर्थन में रैलियां निकाले जाने की खबरें प्राप्त हो रही है वही कई हिस्सों में विरोधता के स्वर भी सडक़ों पर दिखाई उे रहे है
04:14 PM Jan 19, 2020 IST | Shera Rajput
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लुधियाना-अमृतसर : देश के अलग-अलग हिस्सों में कही नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के समर्थन में रैलियां निकाले जाने की खबरें प्राप्त हो रही है वही कई हिस्सों में विरोधता के स्वर भी सडक़ों पर दिखाई उे रहे है। इसी बीच आज सूबे के कई इलाकों में समर्थन और विरोध में प्रदर्शन हुए है।
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सीएए, एनआरसी व एनपीआर के विरोध में मुस्लिम भाईचारे की महिलाएं दूसरी बार मालेरकोटला की सडक़ों पर उतर आईं तो लुधियाना में काले कानून के खिलाफ जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया और बराऊन रोड, सुभानी बिल्डिंग, शाहपुर रोड से होते हुए ऐतिहासिक जामा मस्जिद तक पैदल रोष मार्च निकाला। । सैकड़ों की संख्या में मुस्लिम महिलाओं ने रोष मार्च किया। किसी भी अप्रिय घटना के मद्देनजर पुलिस बल तैनात किया गया था।
उधर पठानकोट में विहिप अध्यक्ष संजीव सहौता की नेतृत्व में सीएए के समर्थन में बाइक रैली निकाली गई। इस दौरान भाजपा के नवनिर्वाचित पंजाब प्रधान अश्वनी शर्मा ने कहा कि हम तो राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और नेहरू की इच्छा को पूरा कर रहे हैं। नागरिकता संशोधन कानून का विरोध करने वालों को पाकिस्तान का बैकराउंड देखना चाहिए। बंटवारे के समय जो सिख एवं हिन्दू वहां रह गए थे उन्हें किस तरह प्रताभित किया जाता है यह कानून उन पर लागू होगा। वहीं अमृतसर और पटियाला में सीएए के समर्थन में रैली निकाली गई। नेताओं ने कहा कि लोगों को कांग्रेस और आप नेता गुमराह कर रहे हैं।
पठानकोट में बाइक सवारों ने तख्तियां उठाए सीएए के सामर्थन में बाइक रैली निकाली। यह रैली सैली रोड से शुरू होकर श्री गुरु रविदास चौक चक्की पुल, रेलवे रोड होते डलहौजी रोड पुरानी कचहरी के बाहर समाप्त हुई। रैली का नेतृत्व भाजपा के नवनियुक्त प्रदेश प्रधान अश्वनी शर्मा ने बिना हेलमेट लगाए बुलेट चलाई। बड़ी बात ये कि पूरी रैली में एक भी बाइक सवार ने हेलमेट नहीं पहना। जबकि अमृतसर जन-जागरण मंच द्वारा नागरिकता संशोधन कानून के प्रति जनता को जागरूक करने के लिए एक विशाल तिरंगा यात्रा का आयोजन किया गया।
महानगर लुधियाना शहर में हजारों मां बहन बेटियों ने केंद्र की मोदी सरकार द्वारा सी.ए.ए के नाम से बनाए गए मंच का संचालन नायब शाही इमाम मौलाना मुहम्मद उस्मान लुधियानवी ने किया। इस अवसर पर मंच पर पंजाब यूनवर्सिटी चंडीगढ़ की छात्र नेता कनूप्रिया, फतेह चैनल की सरदारनी नवदीप कौर, सहित हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई, दलित समाज की बहनें विरोध प्रदर्शन में शामिल हुई। मंच से रहनुमा खातून ने फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ की नजम हम देखेंगे, पढ़ी और नसरीन सुल्ताना ने अपनी मात्र भाषा पंजाबी में केंद्र सरकार की गलत नीतियों पर जम के प्रहार किया। हलीमा अंसारी और गुल अफशा ने कविता यह देश हमारा है प्रस्तुत की।
हजारों महिलाओं ने हाथों में सी.ए.ए. और एन.आर.सी के खिलाफ प्ले बोर्ड उठाए हुए थे, प्ले बोर्डो पर हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई आपस में हैं भाई-भाई और इक भारत अटूट भारत, प्यारा भारत जैसे सदभावना के संदेश भी लिखे नजर आए। इस अवसर पर कनू प्रिया ने कहा कि भारत की एकता और अखंडता को फिरका परसत ताकते तोडऩा चाहती हैं। उन्होंने कहा कि देश की मां बहने और बेटियां केंद्र की मोदी सरकार के नापाक मंसूबे कभी कामयाब नहीं होने देगी।
उन्होंने कहा कि रोटी, कपड़ा, मकान का वायदा करने वाले आज देश में अपनी ही जनता से नागरिकता का प्रमाण मांग रहे हैं। लुधियाना में आज पहली बार महिलाओं द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन में मोदी सरकार के खिलाफ जबरदस्त नारे बाजी हुई।
करीब तीन घंटे तक विरोध रैली बराऊन रोड, सुभानी बिङ्क्षल्डग, शाहपुर रोड से होते हुए जामा मस्जिद तक रोष मार्च निकाला और फिर शाही इमाम पंजाब मौलाना हबीब उर रहमान सानी लुधियानवी को अपने खून से लिखा अहद नामा (शपथपत्र) पेश किया। अहद नामा में सभी मां बहनों और बेटियों ने लिखा कि वह अपने खून के आखरी कतरे तक संविधान को तोडऩे कि साजि़श के तहत बनाए गए काले कानून के खिलाफ विरोध करती रहेंगी।
भारत देश की जंगे आज़ादी में हम सब साथ थीं और कोई भी ताकत हमारा भाईचारा जो अनेकता में एकता का प्रतीक है को तोड़ नहीं सकता। शरणार्थी हमारे भाई बहन हैं लेकिन धर्म के आधार पर नहीं इंसानियत और भारतीयता के आधार पर। सरकार शरणार्थियों की आड लेकर देश में लोकतंत्र की हत्या का प्रयास कर रही है उसे कभी पूरा नहीं होने दिया जाएगा।
शाही इमाम मौलाना हबीब उर रहमान लुधियानवी ने कहा कि मोदी सरकार देश की बेटियों के सवालों से भाग रही है। अफसोस की बात है कि सत्ता में होते हुए भी उनको अपने बनाए कानून के हक में रैलियां करनी पड़ रही हैं और वह सीधा जनता से बात करने से कतरा रहे हैं ,
– सुनीलराय कामरेड
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