जम्मू-कश्मीर में लश्कर-ए-तैयबा आतंकियों के तीन घर ध्वस्त, सुरक्षा कड़ी
लश्कर आतंकियों के खिलाफ प्रशासन की बड़ी कार्रवाई
जम्मू-कश्मीर के तीन जिलों में लश्कर-ए-तैयबा आतंकियों के घरों को ध्वस्त कर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सेना प्रमुख के साथ सुरक्षा समीक्षा की और निर्दोष नागरिकों की हत्या करने वालों को पकड़ने के लिए हरसंभव प्रयास करने का निर्देश दिया।
जम्मू-कश्मीर के शोपियां, कुलगाम और पुलवामा जिलों में लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के तीन आतंकियों के घरों को प्रशासन ने ध्वस्त कर दिया। अधिकारियों ने बताया कि यह कार्रवाई शुक्रवार देर शाम और शनिवार को की गई। पुलवामा जिले के मुरान गांव में आतंकी एहसान-उल-हक शेख का घर ढहाया गया। कुलगाम जिले के मटालहामा गांव में आतंकी जाकिर अहमद गनी का घर तोड़ा गया, जो 2003 से सक्रिय है। वहीं, शोपियां जिले के चोटीपोरा गांव में आतंकी शाहिद अहमद कुटे के घर को भी ध्वस्त किया गया, जो 2002 से आतंकी गतिविधियों में शामिल है। इसके पहले, शुक्रवार को पहलगाम हमले में शामिल दो अन्य आतंकियों, आसिफ अहमद शेख (त्राल) और आदिल ठोकर (बिजबेहरा) के घरों को भी तोड़ा गया था। पहलगाम आतंकी हमले पर पहली प्रतिक्रिया में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि आतंकियों, उनके समर्थकों और प्रायोजकों को ऐसी सजा दी जाएगी, जिसके बारे में उन्होंने सोचा भी नहीं होगा।
जम्मू-कश्मीर में सेना प्रमुख की बैठक, आतंकवाद पर सख्त कार्रवाई की तैयारी
बिहार के मधुबनी में एक सार्वजनिक सभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा- आज बिहार की सरजमीं से मैं पूरी दुनिया से यह कहना चाहता हूं कि भारत इन लोगों की पहचान करेगा, उन्हें ढूंढेगा और हर आतंकी तथा उनकी मदद करने वालों को सजा देगा। हम उन्हें पृथ्वी के अंतिम छोर तक खदेड़ देंगे। भारत की आत्मा को आतंकवाद कभी नहीं तोड़ सकता। इंसाफ मिले, इसके लिए हरसंभव प्रयास किए जाएंगे।
इस बीच, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सेना प्रमुख उपेंद्र द्विवेदी के साथ सुरक्षा समीक्षा की और सुरक्षा बलों को निर्देश दिया कि 22 अप्रैल को पहलगाम के बैसरन घाटी में निर्दोष नागरिकों की हत्या करने वालों को पकड़ने के लिए हर जरूरी बल का उपयोग करें। पिछले छह दिनों से ड्रोन, हेलीकॉप्टर और अन्य तकनीकों की मदद से बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चल रहा है। खुफिया जानकारी के आधार पर जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त कर दिया गया है। अधिकारियों का कहना है कि आतंकी कश्मीरी पंडितों और घाटी में काम करने वाले गैर-स्थानीय लोगों को टारगेट कर सकते हैं।