Top NewsIndiaWorldOther StatesBusiness
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgetsvastu-tipsExplainer
Advertisement

MP में मौत का खेल : नमक और ग्लूकोज से बने नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाने से तीन मरीजों की गयी जान

नमक और ग्लूकोज से बने नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन लगवाने के बाद यहां कोविड-19 के तीन मरीजों की मौत की शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने मामले की जांच तेज कर दी है। ये इंजेक्शन पड़ोसी गुजरात से चलाए जा रहे अंतरप्रांतीय गिरोह ने बनाए थे।

06:21 PM May 11, 2021 IST | Ujjwal Jain

नमक और ग्लूकोज से बने नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन लगवाने के बाद यहां कोविड-19 के तीन मरीजों की मौत की शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने मामले की जांच तेज कर दी है। ये इंजेक्शन पड़ोसी गुजरात से चलाए जा रहे अंतरप्रांतीय गिरोह ने बनाए थे।

नमक और ग्लूकोज से बने नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन लगवाने के बाद यहां कोविड-19 के तीन मरीजों की मौत की शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने मामले की जांच तेज कर दी है। ये इंजेक्शन पड़ोसी गुजरात से चलाए जा रहे अंतरप्रांतीय गिरोह ने बनाए थे।
Advertisement
पुलिस अधीक्षक (पूर्वी क्षेत्र) आशुतोष बागरी ने मंगलवार को बताया कि इस गिरोह से जुड़े इंदौर निवासी सुनील मिश्रा ने गुजरे एक महीने के दौरान शहर में कई लोगों को नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन ऊंचे दामों पर बेचे, जब महामारी की दूसरी लहर के प्रकोप के बीच इस एंटी वायरल दवा की भारी किल्लत चल रही थी।
उन्होंने बताया, “इनमें से तीन लोगों के परिजनों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है कि नकली इंजेक्शन लगवाने के बाद मरीजों की मौत हो गई।”बागरी ने बताया कि मध्य प्रदेश में कम से कम 1,200 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन खपाने वाले मिश्रा को गुजरात पुलिस द्वारा पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।
पुलिस अधीक्षक के मुताबिक मिश्रा और अन्य आरोपियों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी में भारतीय दंड संहिता की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) जोड़ी गई है और उनके खिलाफ प्रशासन द्वारा कड़े प्रावधानों वाला राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) भी लगाया जा चुका है।
इस बीच, इंदौर के विजय नगर पुलिस थाने के प्रभारी तहजीब काजी ने बताया कि शहर में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन लगवाने के बाद दम तोड़ने वाले तीनों मरीज पुरुष थे और उनकी उम्र 40 से 55 साल के बीच थी।काजी ने पुलिस को मिली शिकायत के हवाले से बताया कि इनमें से एक मरीज की मौत के बाद उसकी पत्नी ने भी कथित तौर पर सदमे से दम तोड़ दिया था।
उन्होंने बताया, “हम शिकायतों की जांच करते हुए उन डॉक्टरों के भी बयान दर्ज करेंगे जिन्होंने तीनों मरीजों को नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाए थे।” पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, गुजरात के गिरोह ने पिछले एक महीने में मिश्रा के जरिये मध्य प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में कम से कम 1,200 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शनों की आपूर्ति की है। इनमें इंदौर, देवास और जबलपुर जिले शामिल हैं।
पुलिस अधीक्षक बागरी ने बताया कि जांच में सुराग मिले हैं कि गुजरात से लाई गई खेप में शामिल रेमडेसिविर के 600 नकली इंजेक्शन अकेले इंदौर में खपाए गए थे जिनमें से 100 इंजेक्शन शहर के दवाई के एक दुकानदार ने लिए थे।उन्होंने बताया, “इस दुकानदार से पूछताछ की जा रही है। हम यह भी पता लगा रहे हैं कि ये इंजेक्शन और किन मरीजों तक पहुंचे थे।”
गौरतलब है कि गुजरात पुलिस ने पिछले दिनों सूरत में नमक और ग्लूकोज के पानी से नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाने वाले गिरोह का खुलासा करते हुए छह लोगों को गिरफ्तार किया था। इस गिरोह के तार मध्य प्रदेश से भी जुड़े पाए गए हैं।
Advertisement
Next Article