जम्मू कश्मीर की स्थिति के जमीनी अनुभव के लिये विदेशी राजनयिकों का कश्मीर दौरा : रवीश कुमार
विदेश मंत्रालय ने कहा कि सरकार ने कश्मीर के दौरे के लिए 15 विदेशी राजनयिकों को भेजने की व्यवस्था की जिसका मकसद यह था कि वे हालात को सामान्य बनाने के प्रयासों का जमीनी स्तर पर अनुभव कर सकें।
01:59 PM Jan 09, 2020 IST | Desk Team
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विदेश मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि सरकार ने कश्मीर के दौरे के लिए 15 विदेशी राजनयिकों को भेजने की व्यवस्था की जिसका मकसद यह था कि वे हालात को सामान्य बनाने के प्रयासों का जमीनी स्तर पर अनुभव कर सकें। मंत्रालय ने उन आलोचनाओं को बेबुनियाद बताया कि यह प्रायोजित था।
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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि राजनयिक एक समूह में कश्मीर जाना चाहते थे, ऐसे में 15 विदेशी राजनयिकों को भेजने की व्यवस्था की गई। उन्होंने कहा कि कश्मीर की यात्रा के लिये ऐसा ही एक आयोजन भविष्य में यूरोपीय संघ के राजनयिकों के संदर्भ में हो सकती है।
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जम्मू कश्मीर जाने वाले 15 विदेशी राजनयिकों में भारत में अमेरकिा के राजदूत केनेथ जस्टर भी शामिल हैं। इसमें दक्षिण कोरिया, वियतनाम, बांग्लादेश, फिजी, मालदीव, नार्वे, फिलिपीन, मोरक्को, अर्जेटिना, पेरू, नाइजर, नाइजीरिया, गुयाना और टोगो के राजनयिक शामिल हैं।
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पिछले अगस्त में जम्मू कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने तथा विशेष दर्जे को समाप्त करने के बाद विदेशी राजनयिकों की वहां की यह पहली यात्रा है। कुमार ने कहा कि विदेशी राजनयिकों ने इस यात्रा के दौरान सुरक्षा अधिकारियों, राजनीतिक नेताओं, नागरिक संस्थाओं और स्थानीय मीडिया से मुलाकात की।
उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर के लिए मौजूदा स्थिति का जमीनी अनुभव के लिये राजनयिकों का दौरा आयोजित किया गया। यह पूछने पर कि राजनयिकों से किन राजनीतिक नेताओं ने मुलाकात की, प्रवक्ता ने कहा कि राजनयिकों का कश्मीर दौरा अभी पूरा नहीं हुआ है। मंत्रालय ने बताया कि राजनयिकों ने जम्मू कश्मीर के विभिन्न वर्गो एवं नागरिक समाज के लोगों से बात की। शुक्रवार को दिल्ली लौटने से पहले समूह जम्मू में और बैठकें करेगा।
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