'वासनाओं की भूख मिटाने के लिए महिलाओं के शरीर को करते हैं टच...', Premananda Maharaj ने ऐसा क्यों कहा?
Premananda Maharaj : वृंदावन वाले प्रसिद्ध कथावाचक और संत प्रेमानंद महाराज अपने विचारों और भक्ति के लिए जाने जाते हैं। उनका असली नाम अनिरुद्ध कुमार पांडे है और वे राधावल्लभ संप्रदाय से हैं. अक्सर वे अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहते हैं। इन दिनों महाराज जी का एक बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने कथित ढोंगी बाबाओं और धर्म के नाम पर महिलाओं का शोषण करने वाले तहाकथित गुरुओं पर तीखा प्रहार किया है।
गुरु नहीं पाखंडी है
महाराज जी ने साफ शब्दों में कहा कि जो गुरु तुम्हारे शरीर को छूने की कोशिश करे, अनैतिक संबंध बनाने की कोशिश करे तो वह गुरु नहीं, पाखंडी है। वह अपनी वासनाओं की भूख मिटाने के लिए साधु का वेश धारण कर रहे हैं। उनके इस बयान के बाद वृंदावन समेत पूरे संत समाज में हड़कंप मच गया है।
समाज के लिए कलंक
महाराज जी ने आगे कहा कि जो शोषण कर रहे हैं वो कभी संत नहीं हो सकते हैं। असली संत वह है, जो आपके विचारों को पवित्र कर दे, जीवन की दिशा को बदलो और आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग दिखाओ। जो केवल शरीर स्पर्श की इच्छा रखता है, वह गुरु नहीं, समाज के लिए कलंक है। ऐसे पाखंडियों का तुरंत त्याग कर देना चाहिए।
कौन हैं प्रेमानंद महाराज?
प्रेमानंद महाराज बहुत निर्मल और सरल स्वभाव के संत हैं। वे वृंदावन में ही रहते हैं। उनके भजन और सत्संग को सुनने के लिए दूर-दूर से लोग पहुंचते हैं। उनके दर्शन के लिए लोग रात्रि में उनके आश्रम के बाहर खड़े रहते हैं। वर्तमान में संतों में उन्हें सबसे श्रेष्ठ माना जाता है। उनका जन्म उत्तर प्रदेश के कानपुर में सरसौली के अखरी गांव में हुआ था. उन्होंने 13 साल की उम्र में ही दीक्षा लेकर संत बन गए। महाराज जी के दादाजी भी सन्यासी थे।
वृंदावन में है इनका आश्रम: वर्तमान में प्रेमानंदजी महाराज श्रीहित राधा केलि कुंज आश्रम में निवास कर रहे हैं। उन्होंने अपना जीवन राधा रानी की भक्ति में समर्पित कर दिया है। महाराज जी की दोनों किडनी खराब हैं। कई साल पहले ही उनकी दोनों किडनी काम करना बंद कर दिया है। उनकी डायलिसिस होती है। फिर भी वे रोज प्रवचन देते हैं। उन्होंने अपनी एक किडनी का नाम राधा तो दूसरी का नाम कृष्ण रखा हैं।
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