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बिहार से झारखंड आने वाले शराबियों को रोकने के लिए महिलाओं ने उठाया डंडा, गांव के बाहर देती है पहरा

बिहार की शराबबंदी झारखंड के कई गांवों के लिए आफत बन गई है। बिहार से हर रोज सैकड़ों शराबी जत्थे में सीमा से सटे झारखंड के इलाकों में जाम छलकाने पहुंचते हैं।

03:29 PM Sep 13, 2022 IST | Desk Team

बिहार की शराबबंदी झारखंड के कई गांवों के लिए आफत बन गई है। बिहार से हर रोज सैकड़ों शराबी जत्थे में सीमा से सटे झारखंड के इलाकों में जाम छलकाने पहुंचते हैं।

बिहार की शराबबंदी झारखंड के कई गांवों के लिए आफत बन गई है। बिहार से हर रोज सैकड़ों शराबी जत्थे में सीमा से सटे झारखंड के इलाकों में जाम छलकाने पहुंचते हैं। इस वजह से बिहार से सटे झारखंड के गांवों में माहौल इस कदर खराब हो चुका है कि अब महिलाओं ने शराब के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। नवादा जिले के करीब स्थित झारखंड के सतगावां प्रखंड की असनाकोनी गांव की महिलाओं ने बकायदा लाठी-डंडे लेकर गांव में पहरेदारी शुरू कर दी है और बाहर से आनेवाले शराबियों को गांव की सरहद में घुसने से रोक रही हैं। 
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वही, पिछले एक महीने से चल रही यह मुहिम चर्चा में है। असनाबनी की महिलाओं ने गांव में अवैध तरीके से शराब बनाने की आधा दर्जन भट्ठियां भी ध्वस्त कर दी हैं। पुलिस भी महिलाओं की इस मुहिम में सहयोग कर रही हैं। गांव में एक स्वयंसेवी संस्था की पहल पर महिला-पुरुषों की बैठक हुई, जिसमें तय किया गया कि सभी लोग जत्था बनाकर दिन-रात गांव की सीमा पर लाठी-डंडों के साथ पहरा देंगे। नतीजा यह कि बिहार के शराबी अब भूले-भटके इधर का रुख नहीं करते। असनाबनी की तरह अब गया जिले से सटे चौपारण के दनुआ-चोरदाहा और चतरा जिले के गांवों में भी शराब के धंधे के खिलाफ ग्रामीणों की मीटिंग हो रही है। इन इलाकों में भी शराबबंदी के खिलाफ माहौल बनना शुरू हो गया है।
महिलाओं ने तोड़ी अवैध भट्ठियां 
बता दें, असनाबनी गांव में अभियान की अगुवाई करने वाली महिलाओं में से एक आशा देवी बताती हैं कि शराबियों के चलते खराब हो चुके माहौल ने हमें यह कदम उठाने को मजबूर किया है। आलम यह कि दिन-रात गांव में बिहार से आए शराबियों का जमावड़ा लगा रहता था। झगड़ा, मारपीट आम बात हो गई थी। बच्चों और महिलाओं पर इसका सबसे ज्यादा बुरा असर पड़ रहा था। सबसे पहले हमने गांव में शराब का अवैध कारोबार करने वालों को चेताया। कुछ अवैध भट्ठियां तोड़ी गईं।
पुलिस ने अभियान में किया पूरा सहयोग 
वही, गांव के आंगनबाड़ी केंद्र की सेविका अनिता देवी के मुताबिक शराबियों की वजह से हमारे गांव की पहचान खराब हो गई है। लोग इसे कलाली मोड़ के नाम से जानने लगे हैं। ऐसे में हमने पुलिस-प्रशासन से भी सहयोग मांगा। थाना प्रभारी उत्तम बैद्य ने भी हमारे अभियान को पूरा सहयोग किया है। स्थानीय स्वयंसेवी संस्था के मनोज दांगी की अगुवाई में युवा भी इस अभियान में सामने आये हैं।
बता दें कि पिछले हफ्ते बिहार से सटे चौपारण की भगहर पंचायत के परसातरी में बिहार से शराब पीने आये लोगों की एक बोलेरो गाड़ी ढाढ़र नदी में बह गई थी। बोलेरो में सवार तीन शराबी भी नदी की धार में बह गये थे, जिन्हें स्थानीय ग्रामीणों की मदद से बचाया गया। अब इस गांव के लोग भी बिहार से आने वाले शराबियों को रोकने के लिए अभियान चलाने की तैयारी कर रहे हैं।
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