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आज रांची में कांग्रेस की होगी संविधान बचाओ रैली, कई नेता रहेंगे मौजूद

अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे सहित कई वरिष्ठ नेता संबोधित करेंगे

02:25 AM May 06, 2025 IST | IANS

अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे सहित कई वरिष्ठ नेता संबोधित करेंगे

झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी रांची में संविधान बचाओ रैली आयोजित कर रही है, जिसमें मल्लिकार्जुन खड़गे सहित कई वरिष्ठ नेता शामिल होंगे। कांग्रेस भाजपा की केंद्र सरकार पर संविधान की मूल भावनाओं के विपरीत निर्णय लेने का आरोप लगाते हुए राज्य की जनता से समर्थन की मांग करेगी।

झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी 6 मई को रांची में ‘संविधान बचाओ रैली’ का आयोजन कर रही है। पुराना विधानसभा मैदान में होने वाली इस रैली को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे सहित कई वरिष्ठ नेता संबोधित करेंगे। नवंबर, 2024 में राज्य में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन की जीत के बाद यह पहला मौका है, जब कांग्रेस की ओर से झारखंड में बड़ी राजनीतिक रैली आयोजित की जा रही है। पार्टी के झारखंड प्रभारी के. राजू ने सोमवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आयोजित एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि इस रैली के जरिए हम राज्य की जनता को बताएंगे कि भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार किस तरह संविधान की मूल भावनाओं के विपरीत निर्णय ले रही है। हम राज्य की जनता से संविधान की रक्षा की लड़ाई के लिए समर्थन की मांग करेंगे।

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के. राजू ने कहा कि रैली में मुख्य रूप से अपनी तीन मांगों को लेकर आवाज बुलंद करेंगे। हमारी पहली मांग है कि देश में जातिगत जनगणना की प्रक्रिया एक टाइमफ्रेम के तहत पूरी की जाए और इसके बाद जनसंख्या के अनुपात में सामाजिक न्याय को सुनिश्चित करने के लिए 50 प्रतिशत की आरक्षण की सिलिंग खत्म की जाए। दूसरी मांग, देश के राष्ट्रीय बजट में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के विकास और उत्थान की योजनाओं पर उनकी जनसंख्या के अनुपात में राशि का आवंटन करने के लिए कानून बनाने की है। तीसरी प्रमुख मांग, देश भर में सरकारी के साथ-साथ सभी निजी शैक्षणिक संस्थाओं में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और ओबीसी के लिए आरक्षण सुनिश्चित करने की है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व जातिगत जनगणना कराने की मांग पिछले तीन वर्षों से मुखर तरीके से उठा रही थी। पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पार्टी के नेता राहुल गांधी ने संसद से लेकर हर सभा-रैली और हर मंच पर सामाजिक न्याय के पक्ष में लगातार यह मांग उठाई। दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी इसका विरोध करती रही। भाजपा ने जातिगत जनगणना की मांग का समर्थन करने वालों को अर्बन नक्सल तक कहा। लेकिन, हमारी लगातार मांग से जनदबाव बढ़ा तो केंद्र सरकार को इस मांग को मानने के लिए बाध्य होना पड़ा।

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