आज पहली अक्तूबर हैं
भारतवर्ष में पहली अक्तूबर को 'वरिष्ठ नागरिक दिवस' मनाया जाता है। हम भी पिछले 20 सालों से इसे मना रहे हैं, परन्तु कोरोना के बाद बड़े आयोजन नहीं कर सके, अब आने वाले समय में हम लगातार आयोजन करेंगे। मेरा मानना है केवल आज के दिन ही क्यों हर दिन हमारा है, यानि वरिष्ठ नागरिकों का है। मैं तो कहूंगी जिन्दगी के हर पल को जिओ, हर सैकेंड को मनाओ। आपने सारी उम्र काम किया है, आपने अपना समय और पूंजी परिवार और समाज को दी है। अब समय आपका अपना है। अपने परिवार के साथ रहकर अपने लिए जिओ खूब एक्टिव रहो, जो आपका दिल करता है मर्यादा में रहकर करो। अपने आपको स्वस्थ, मस्त और व्यस्त रखो। यह उम्र आपकी है अपने आपको सजा-संवार कर सुन्दर बना कर रखने की है। अपनी आयु के अनुसार अच्छे सुन्दर परन्तु आरामदायक कपड़े व जूते पहनो। कोशिश करो अरामदायक जूते हों अगर आप ठीक तरह से चल सकते हो तो ठीक है नहीं तो छड़ी, वॉकर आदि का सहारा लेकर आराम से व संभल कर चलो क्योंकि इस उम्र में गिरना ठीक नहीं, इस उम्र में फैक्चर हो गया तो बड़ी मुश्किल होती है। परिवार के अन्य सदस्यों पर निर्भर न होते हुए कोशिश करो कि अपना सारा काम स्वयं करो जिससे आप सक्रिय व व्यस्त भी रहोगे। और एक तरह से व्यायाम भी हो जाएगा। किसी भी बीमारी से घबराना नहीं, आज के समय में हर बीमारी का इलाज है और इस उम्र में बी.पी., शुगर, जोड़ों का दर्द, आंखों के आपरेशन आम बात है। जिन्दगी में अगर कुछ कठिनाइयां हैं भी तो उन्हेें चुनौती के रूप में स्वीकार करते हुए हर समय ईश्वर का शुक्राना करो। विश्वास रखिए आज आप लाखों-करोड़ों लोगों से बेहतर जीवन जी रहे हो। अपनी दिनचर्या को अपने स्वास्थ्य और परिवार के हिसाब से व्यवस्थित करते हुए किसी भी प्रकार के तनाव से पूरी तरह बचें। अगर आपके बच्चे संस्कारी हैं, सेवा कर रहे हैं तो उनसे ज्यादा उम्मीद न रख कर उनकी रोजमर्रा की जिन्दगी में ज्यादा हस्ताक्षेप न करें बल्कि उनके सहायक बनो। क्योंकि उनकी भी अपनी जिन्दगी है, समय की मांग है आप अपने जीते जी रजिस्टर्ड वसीयत जरूर बनाओ, आपको मालूम है जीते जी सब आपका है, आपके जाने के बाद ही उन्हें मिलेगा और याद रहे आप इस वसीयत को जब चाहो बदल सकते हो या रद्द भी कर सकते हो। इस समय आप अपने सभी शौक पूरे करो। हर व्यक्ति में कोई न कोई कला व प्रतिभा छुपी होती है। जिसे वह जिन्दगी की व्यस्ताओं के चलते सबके सामने नहीं ला पाता अब समय है आप वरिष्ठ नागरिक केसरी क्लब के मंच पर अपने सारे शौक पूरे करो। समय हो तो बोर्ड गेम या कैरम बोर्ड, सुडोमो, तम्बोला, लूडो या ताश भी खेल सकते हैं। इससे समय भी व्यतीत होगा और दिमाग की कसरत भी होगी। इस उम्र में भूलने की बीमारी आम होती हैै, अगर हम गेेम खेलें तो इस समस्या से बचा जा सकता है।