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आज है वट सावित्री व्रत, जानें पूजा के शुभ मुहूर्त और विधि

वट सावित्री व्रत: पूजा के शुभ मुहूर्त और विधि का विवरण

10:22 AM May 26, 2025 IST | Shivangi Shandilya

वट सावित्री व्रत: पूजा के शुभ मुहूर्त और विधि का विवरण

वट सावित्री व्रत हर साल ज्येष्ठ अमावस्या को मनाया जाता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं बरगद पेड़ की पूजा कर पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। आज 26 मई को व्रत के लिए शुभ मुहूर्त दोपहर 12:11 बजे से शुरू होकर अगले दिन सुबह 08:31 बजे तक रहेगा। इस दिन विशेष योग बन रहे हैं जो पूजा को और भी शुभ बनाते हैं।

हर साल ज्येष्ठ महीने की अमावस्या तिथि को वट सावित्री की पूजा की जाती है। ऐसे में आज 26 मई को वट सावित्री व्रत है। वहीं इसी दिन सोमवती अमावस्या का खास संयोग भी बना हुआ है। हिंदू धर्म में आज वट सावित्री व्रत के दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु स्वस्थ जीवन और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं. इस व्रत में महिलाएं बरगद पेड़ की पूजा करती है। तो चलिए जानते हैं आज वट सावित्री व्रत की पूजा विधि, मुहूर्त आदि के बारे में.

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शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार वट सावित्री व्रत ज्येष्ठ अमावस्या को मनाया जाता है। ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि आज 26 मई को दोपहर 12:11 बजे शुरू हो रही है और अगले दिन यानी 27 मई को सुबह 08:31 बजे समाप्त होगी। वट सावित्री व्रत 26 मई को ही मनाया जाएगा। वट सावित्री के इस दिन कृत्तिका नक्षत्र, सोमवती अमावस्या, भरणी नक्षत्र, शोभन योग और अतिगंड योग का संयोग रहेगा।

व्रत का महत्व

पौराणिक कथा के अनुसार वट वृक्ष के नीचे सावित्री ने अपने मृत पति सत्यवान को जीवित किया था। इसलिए इस दिन वट वृक्ष की पूजा का विशेष महत्व है। महिलाएं इस वृक्ष के नीचे बैठकर सावित्री और सत्यवान की पूजा भी करती हैं। वट सावित्री से जुड़ी एक अन्य कथा के अनुसार भगवान शिव के वरदान से मार्कंडेय ऋषि को बाल मुकुंद के वट वृक्ष के पत्ते में पैर का अंगूठा चूसते हुए दर्शन हुए थे। तभी से वट वृक्ष की पूजा की जाती है। वट वृक्ष की पूजा करने से घर में सुख-शांति आती है, त्रिदेवों का आशीर्वाद मिलता है और सभी बाधाएं दूर होती हैं।

व्रत के लिए प्रसाद

वट सावित्री व्रत की पूजा के बाद महिलाएं बांस के हाथ पंखे से अपने पति को हवा करती हैं। इसके पीछे मान्यता है कि इससे पति के सभी कष्ट दूर होते हैं। वट सावित्री की पूजा में फल-फूल के साथ-साथ कुछ खास व्यंजन भी चढ़ाए जाते हैं, जो इस प्रकार हैं- खीर, मीठे गुलगुले, पूरी, पंचामृत

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