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SC में वक्फ कानून पर आज की सुनवाई पूरी, कल फिर होगी हियरिंग

SC में वक्फ कानून पर आज की बहस खत्म, कल फिर होगी सुनवाई

11:59 AM Apr 16, 2025 IST | Shivangi Shandilya

SC में वक्फ कानून पर आज की बहस खत्म, कल फिर होगी सुनवाई

sc में वक्फ कानून पर आज की सुनवाई पूरी  कल फिर होगी हियरिंग

सुप्रीम कोर्ट में आज वक्फ कानून अधिनियम 2025 की वैधता पर सुनवाई हुई। कपिल सिब्बल ने गैर मुस्लिमों को वक्फ में शामिल करने को आर्टिकल 26 का उल्लंघन बताया। CJI संजीव खन्ना, जस्टिस पीवी संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने सुनवाई की। मामले की अगली सुनवाई कल दोपहर 2 बजे होगी।

आज बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में वक्फ कानून अधिनियम 2025 की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई है। हालांकि इस मामले में कल दोपहर 2 बजे फिर सुनवाई होगी। कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि, “गैर मुस्लिमों को वक्फ में शामिल करना आर्टिकल 26 का उल्लंघन है। CJI संजीव खन्ना, जस्टिस पीवी संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच इस मामले में दायर याचिका पर सुनवाई की। तो आइए जानते है आज कोर्ट रूम में क्या-क्या हुआ?

वक्फ कानून पर बहस

आज बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में वक्फ अधिनियम, 2025 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर बहस हुई। इन याचिकाओं में AIMIM चीफ और AAP के नेता की याचिकाएं भी शामिल हैं। खास बात है कि इस मामले में अब 10 याचिकाएं लिस्टिंग की गई हैं। कोर्ट रूम में CJI ने कहा कि,”आमतौर पर जब कोई कानून लागू होता है तो हम हस्तछेप नहीं करते हैं, लेकिन कुछ अपवाद भी हैं। अब उपयोगकर्ता ने वक्फ मामले में दखल दी है, जो बहुत बड़ी समस्या होंगी। उपयोगकर्ता द्वारा वक्फ 1940 के दशक से है। हम एक अस्थायी निर्देश देना चाहते हैं’.

केंद्र सरकार से सवाल

SC ने केंद्र सरकार से बड़े सवाल भी किए। सवाल कुछ ऐसे थे। आप ऐसे वक्फ को कैसे रजिस्टर करेंगे? उनके पास कौन से डाक्यूमेंट्स होंगे? इससे कुछ गलत हो जाएगा तो , यूजर द्वारा वक्फ को मान्यता दी गई है, अगर आप इसे रद्द करेंगे तो परेशानी होगी। कलेक्टर को यह क्यों तय करना चाहिए कि जमीन वक्फ है या नहीं? यह अधिकार कोर्ट पर क्यों नहीं छोड़ा जाता? क्या यह अधिकार कलेक्टर को देना सही है? इन याचिकाओं के खिलाफ 6 बीजेपी शासित प्रदेशों ने अधिनियम की संवैधानिकता का समर्थन करने के लिए SC का दरवाजा खटखटाया है। इन राज्यों में राजस्थान, छत्तीसगढ़, हरियाणा, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और असम ने अदालत में अलग-अलग याचिकाएं दायर कीं है।

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