W3Schools
For the best experience, open
https://m.punjabkesari.com
on your mobile browser.
Advertisement

आज का पंचांग (Aaj Ka Panchang) 8 September 2025 : पितृपक्ष का पहला दिन आज, पंचांग से जानें शुभ व अशुभ मुहूर्त

06:30 AM Sep 08, 2025 IST | Rahul Kumar Rawat
आज का पंचांग  aaj ka panchang  8 september 2025   पितृपक्ष का पहला दिन आज   पंचांग से जानें शुभ व अशुभ मुहूर्त
Advertisement

आज का पंचांग:  आज 08 सितम्बर, 2025 सोमवार आश्विन माह के कृष्ण पक्ष प्रतिपदा तिथि है | आज पितृपक्ष का पहला दिन है और इसी के साथ आज भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाएगी। प्रतिपदा से पितृपक्ष की शुरुआत होती है। इस दिन पितरों का तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध करने से पूरे पखवाड़े का पुण्य मिलता है। खासकर उन पितरों के लिए यह दिन उपयोगी है जिनका निधन तिथि अज्ञात हो या जिनका विधिवत श्राद्ध न हो पाया हो। पितरों का श्राद्ध और तर्पण करने से पितृदोष से मुक्ति मिलती है और परिवार में शांति और समृद्धि आती है। हिन्दू कैलेंडर और पंचांग से जाने आज का शुभ मुहूर्त, अशुभ समय और राहुकाल

आज का पंचांग (Aaj Ka Panchang), 8 सितंबर 2025
आज की तिथि- प्रतिपदा – 09:11 पी एम तक, उसके बाद द्वितीया तिथि
आज का नक्षत्र- पूर्व भाद्रपद – 08:02 पी एम तक, फिर उत्तर भाद्रपद नक्षत्र
आज का करण- बालव – 10:27 ए एम तक, कौलव – 09:11 पी एम तक, फिर तैतिल
आज का योग- धृति – 06:30 ए एम तक, फिर शूल योग
आज का पक्ष- कृष्ण पक्ष
आज का दिन- सोमवार
चंद्र राशि- कुंभ उपरांत मीन

नक्षत्र

पूर्व भाद्रपद - 08:02 पी एम तक

योग

धृति - 06:30 ए एम तक
शूल - 03:20 ए एम, सितम्बर 09 तक

सूर्य और चंद्रमा का समय

सूर्योदय- 06:03 AM
सूर्यास्त- 06:34 PM
चन्द्रोदय- 06:58 PM
चन्द्रास्त- 6:24 AM

आज का शुभ मुहूर्त 8 सितंबर 2025 :

ब्रह्म मुहूर्त 4 बजकर 31 मिनट से सुबह 5 बजकर 17 मिनट तक। विजय मुहूर्त दोपहर 2 बजकर 24 मिनट से 3 बजकर 14 मिनट तक रहेगा। निशीथ काल रात में 11 बजकर 56 मिनट से 12 बजकर 42 मिनट तक। गोधूलि बेला शाम में 6 बजकर 34 मिनट से 6 बजकर 57 मिनट तक।

आज का अशुभ मुहूर्त 8 सितंबर 2025 :

सुबह में 7 बजकर 30 मिनट से 9 बजे तक राहुकाल रहेगा। दोपहर में 1 बजकर 30 मिनट से 3 बजे तक गुलिक काल रहेगा। सुबह में 10 बजकर 30 मिनट से 12 बजे तक यमगंड रहेगा। अमृत काल का समय सुबह में 10 बजकर 44 मिनट से 12 बजकर 18 मिनट तक। दुर्मुहूर्त काल दोपहर में 12 बजकर 44 मिनट से 1 बजकर 34 मिनट तक। पंचक काल पूरा दिन रहेगा।

पितृ पक्ष प्रारंभ

पितृ पक्ष हिन्दू धर्म में उन पवित्र दिनों को कहा जाता है जब हम अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति और उनके प्रति श्रद्धा व्यक्त करते हैं। यह पक्ष अमावस्या से शुरू होकर 15 दिनों तक चलता है और इसे 'श्राद्ध काल' भी कहा जाता है। इस दौरान व्रत और श्राद्ध कर्म करके हम अपने पूर्वजों को श्रद्धांजलि देते हैं। पितृ पक्ष में दान-पुण्य करना विशेष फलदायी माना जाता है। दान के माध्यम से हम न केवल अपने पूर्वजों की आत्मा को शांति पहुँचाते हैं, बल्कि अपने जीवन में भी सकारात्मक ऊर्जा और सुख-शांति का अनुभव करते हैं। इस पावन समय में घर में विधिपूर्वक श्राद्ध करना, ब्राह्मणों को भोजन और दान देना, तथा अपने पूर्वजों के स्मरण में ध्यान करना अत्यंत शुभ माना जाता है। पितृपक्ष हमें यह याद दिलाता है कि हमारे जीवन में जो भी सुख और समृद्धि है, वह पूर्वजों के आशीर्वाद से ही संभव है।

पंचांग का उपयोग और महत्व

पंचांग मानव जाति मात्र के लिए अत्यंतहि उपयोगकी वास्तु है | पंचांग के आधार पर ठीक समय धार्मिक और व्यावहारिक सम्पूर्ण कार्य किये जाते हैं | पंचांग का मुख्या उद्देश कालमापन या कालगणन का हैं | धार्मिक व्रत उपवास, सामाजिक त्योहार के लिये और अन्य धार्मिक क्रित्यों के लिए पंचांग की ज़रूरत पड़ती है | हमारा जो कुछ आधार है सो पंचांग है |

Advertisement
Advertisement
Author Image

Rahul Kumar Rawat

View all posts

Advertisement
×