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न्यूजीलैंड ने टोंगा ज्वालामुखी विस्फोट, सुनामी के बाद मदद का किया वादा

न्यूजीलैंड ने एक ज्वालामुखी विस्फोट के बाद प्रभावित हुए टोंगा को मदद देने की प्रतिबद्धता व्यक्त की है।

12:12 AM Jan 17, 2022 IST | Shera Rajput

न्यूजीलैंड ने एक ज्वालामुखी विस्फोट के बाद प्रभावित हुए टोंगा को मदद देने की प्रतिबद्धता व्यक्त की है।

न्यूजीलैंड ने टोंगा ज्वालामुखी विस्फोट  सुनामी के बाद मदद का किया वादा
न्यूजीलैंड ने एक ज्वालामुखी विस्फोट के बाद प्रभावित हुए टोंगा को मदद देने की प्रतिबद्धता व्यक्त की है। 
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, प्रधान मंत्री जैसिंडा आर्डर्न ने रविवार को यहां संवाददाताओं से कहा कि उनकी सरकार ने टोंगा को सहायता प्रदान करने के लिए 340,000 डालर की शुरूआती राशि उपलब्ध कराई है। 
सूनामी का टोंगा के अग्रभाग पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा
सुश्री आर्डर्न ने कहा कि सूनामी का टोंगा के अग्रभाग पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है जिसकी वजह से नावों और बड़े पत्थर तट से दूर बह गए और तट के किनारे की दुकानें नष्ट हो गईं। 
इसकी वजह से अभी तक लोगों के हताहत होने की कोई आधिकारिक रिपोर्ट नहीं मिली है। लेकिन इससे हालांकि, संचार व्यवस्था बुरी तरह बाधित हो गई। समुद्र में पानी के नीचे संचार केबल प्रभावित हुई है। 
न्यूजीलैंड रक्षा बलों को किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार रहने को कहा गया
उन्होंने कहा, नुकसान का आकलन किया जा रहा है और न्यूजीलैंड ने औपचारिक रूप से टोंगा को सहायता प्रदान करने की पेशकश की है। न्यूजीलैंड रक्षा बलों को किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार रहने को कहा गया है। 
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि विमान उड़ानों के साथ-साथ न्यूजीलैंड एक नौसैनिक जहाज की तैनाती पर भी विचार कर रहा है। 
उन्होंने कहा कि न्यूजीलैंड सरकार इस मामले में वहां के अधिकारियों से मदद मांगे जाने का इंतजार कर रही थी कि उन्हें क्या जरूरत है। 
ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, जापान और अमेरिका में सुनामी की चेतावनी जारी
टोंगा जियोलॉजिकल सर्विसेज के अनुसार, शुक्रवार को एक विशाल ज्वालामुखी पानी के नीचे फट गया था और इसके बाद समुद्र स्तर से 19 किलोमीटर की ऊंचाई तक मलबे का गुबार महसूस किया गया था। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, जापान और अमेरिका में सुनामी की चेतावनी जारी की गई थी। 
राख और भाप का एक बादल लगभग 241 किमी तक पहुंच गया था और यह घटना उपग्रहों से ली गई तस्वीरों में कैद है जिसे विभिन्न मौसम विज्ञान एजेंसियों द्वारा साझा किया गया है।
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Shera Rajput

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