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लोकसभा चुनाव 2019 : प्रज्ञा ठाकुर, आजम खान और मुनमुन सेन जैसे नेता अपने बयानों से सुर्खियों में छाये रहे

04:13 PM May 22, 2019 IST
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लोकसभा चुनाव 2019 के प्रचार के दौरान कुछ ऐसे उम्मीदवार भी सुर्खियों में बने रहे जिन्होंने चुनावी रैलियों में या सोशल मीडिया पोस्टों या मीडिया के सवालों के जवाब में विवादास्पद टिप्पणियां कीं। पूर्व से पश्चिम तक और उत्तर से दक्षिण तक कई उम्मीदवार विभिन्न मुद्दों पर अपनी टिप्पणियों से विवादास्पद बने रहे।

समाजवादी पार्टी के आजम खान और भाजपा के गिरिराज सिंह जैसे राजनेता अपने बड़बोलेपन और भाजपा की प्रज्ञा सिंह ठाकुर और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के कन्हैया कुमार जैसे अन्य नेता अपने आपत्तिजनक बयानों से लोगों का ध्यान आकर्षित करते रहे।

वर्ष 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में आरोपी प्रज्ञा ठाकुर भोपाल लोकसभा सीट से चुनाव लड़ीं और उन्होंने पिछले सप्ताह महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को एक ‘‘देशभक्त’’ बताकर सात चरण के लोकसभा चुनाव के अंतिम दौर में एक तीखी बहस छेड़ दी।

कांग्रेस ने इस पर आरोप लगाया था कि ‘‘शहीदों का अपमान करना भाजपा के डीएनए में है।’’ हालांकि बाद में ठाकुर ने अपने बयान को लेकर माफी मांगी थी। उन्होंने 26/11 हमले के शहीद आईपीएस अधिकारी हेमंत करकरे पर दिये बयान पर भी माफी मांगी थी। ठाकुर ने कहा था कि उन्हें प्रताड़ित करने और विस्फोट मामले में उन्हें फर्जी तरीके से फंसाने के लिए उन्होंने करकरे को शाप दिया था।

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उनके चुनावी प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के दिग्विजय सिंह भी विवादों में बने रहने के लिए जाने जाते है। इस वर्ष मार्च में जब देश चुनाव की तैयारी कर रहा था, दिग्विजय ने कहा कि पुलवामा हमला एक ‘‘दुर्घटना’’ थी। उत्तर प्रदेश में सपा के नेता आजम खान ने रामपुर सीट पर अपनी प्रतिद्वंद्वी अभिनेत्री-राजनीतिज्ञ जयाप्रदा के खिलाफ अश्लील टिप्पणी कर व्यापक स्तर पर लोगों की नाराजगी का सामना किया था।

आजम खान ने उनका नाम लिये बगैर अपनी चुनाव रैली में कहा था, ‘‘रामपुर वालों, उत्तर प्रदेश वालों, हिन्दुस्तान वालों, उसकी असलियत समझने में आपको 17 बरस लग गये। मैं 17 दिनों में पहचान गया कि वह खाकी रंग का अंडरवियर पहनती है।’’ इस बयान के लिए खान के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई।

बिहार में वैचारिक रूप से एक दूसरे के विरोधी माने जाने वाले दो उम्मीदवारों गिरिराज सिंह और कन्हैया कुमार के बीच बेगूसराय में तनातनी देखने को मिली। गिरिराज ने एक रैली में मुस्लिम समुदाय पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘जो वंदेमातरम नहीं कह सकते या मातृभूमि का सम्मान नहीं कर सकते है उन्हें माफ नहीं किया जायेगा।”

उनके प्रतिद्वंद्वी और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र नेता कन्हैया कुमार ने ट्विटर पर कहा, “भाजपा के लोगों के लिए गोडसे एक देशभक्त हैं। उनसे अपेक्षा की जाती है कि वे हमारे जैसे लोगों को देशद्रोही कहेंगे। भगवान का शुक्र है कि भाजपा हमें देशभक्त नहीं मानती है।” दक्षिण में, कर्नाटक में दक्षिण कन्नड़ से मौजूदा सांसद नलिन कुमार कतील भी गोडसे विवाद में कूदे थे।

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उन्होंने कहा था, “गोडसे ने एक को मारा, मुम्बई हमले के दोषी अजमल कसाब ने 72 को, राजीव गांधी ने 17,000 लोगों को मारा। आप अंदाजा लगा सकते है कि इसमें कौन अधिक निर्दयी है।” हालांकि बाद में उन्होंने अपना बयान वापस ले लिया था। भाजपा के युवा नेता और कर्नाटक की बेंगलुरू दक्षिण सीट से चुनाव लड़े तेजस्वी सूर्या ने भी पिछले लगभग एक वर्ष में कई विवादित बयान दिये और इनमें से कुछ उन्होंने वापस लिये और कुछ को उन्होंने हटा दिया।

आसनसोल संसदीय सीट से तृणमूल कांग्रेस की उम्मीदवार मुनमुन सेन से मतदान दिवस पर संसदीय क्षेत्र में हिंसा के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने बड़े हल्के अंदाज में मीडिया से कहा, “उन्होंने मुझे बेड टी बहुत देर से दी, इसलिए मैं बहुत देर से उठी। मैं क्या कह सकती हूँ? मैं वास्तव में नहीं जानती।”

गुरदासपुर सीट से भाजपा उम्मीदवार और बॉलीवुड अभिनेता सनी देओल ने भी इसी तरह का जवाब दिया था जब उनसे बालाकोट स्ट्राइक के बारे में पूछा गया था। उन्होंने कहा था कि वह ज्यादा कुछ नहीं जानते है और केवल लोगों की सेवा करना चाहते है।
लोकसभा चुनाव के लिए मतगणना 23 मई को होगी।

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