सुल्तानपुर में बोले राहुल- अपने पिछले वादों पर एक शब्द भी नहीं बोल पा रहे मोदी
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हमला करते हुए कहा कि वह इस बार वर्ष 2014 में किये गये अपने वादों के बारे में एक शब्द भी नहीं बोल पा रहे हैं। राहुल ने कहा कि मजबूत नेता वह होता है जो अपनी गलतियों को स्वीकार करके उनके लिये माफी मांग ले। कांग्रेस अध्यक्ष ने सुल्तानपुर से पार्टी उम्मीदवार संजय सिंह के समर्थन में आयोजित जनसभा में कहा कि मोदी इस बार चुनाव में अपने ही पुराने वादों के बारे में एक भी शब्द नहीं बोल पा रहे हैं। मोदी यह समझा दें कि वर्ष 2019 के बाद वह युवाओं को रोजगार कैसे देंगे।
उन्होंने कहा, ”अगर मोदी में दम होता तो वह कहते कि वर्ष 2014 में मैंने जोश में आकर हर साल दो करोड़ रोजगार देने की बात कह दी थी। मगर इस व्यक्ति में दम नहीं है। पूरा हिन्दुस्तान समझ गया है कि इस चौकीदार ने अम्बानी, नीरव मोदी, विजय माल्या और मेहुल चोकसी की चौकीदारी की है। वह इन धनकुबेरों के सामने खड़ा नहीं हो पाया। इसने पूरा देश बेच दिया।”
राहुल ने कहा, ”इस चौकीदार ने देश से झूठ बोला है। इसका मुकाबला कांग्रेस के बब्बर शेर कार्यकर्ताओं ने किया है। उन्होंने नरेन्द्र मोदी नाम के गुब्बारे में पिन मारी है।” कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने मोदी से संसद में राफेल खरीद मामले पर चार सवाल पूछे थे, मगर वह नजरें तक नहीं मिला सके। कर्नाटक, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान मैं लड़ चुका हूं। अब 2019 में भी लड़ रहा हूं।
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उन्होंने कहा कि मोदी जी की पहचान यह है कि अगर उनके सामने कोई भी व्यक्ति खड़ा होकर पीछे ना हटे और कहे कि मैं नहीं डरता क्या कर लोगे, तो नरेन्द्र मोदी घूमकर भाग जाते हैं। बाद में संवाददाताओं से बातचीत में राहुल ने मोदी की ‘मजबूत नेता’ की दलीलों पर कहा कि मजबूत नेता वह होता है जो सचाई को स्वीकार कर लेता है। मजबूत नेता वह होता है जिसने अगर हर साल दो करोड़ युवाओं को रोजगार देने और 15-15 लाख रुपये देने का वादा किया था, मगर नहीं पूरा कर पाया तो उसके लिये माफी मांगकर गलती सुधारने की बात कहे।
उन्होंने कहा कि कांग्रेसनीत संप्रग के शासनकाल में छह सर्जिकल स्ट्राइक हुई थीं। उसमें देश के जवानों ने खून दिया था। कांग्रेस ने कभी इसका राजनीतिक इस्तेमाल नहीं किया और ना ही वह अब इस बारे में कुछ कहना चाहते हैं। वह इसका श्रेय सिर्फ सेना को देते हैं, तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को नहीं। राहुल ने कहा कि भारत की विचारधारा प्रेम की भावना से ओतप्रोत है। नफरत से कुछ नहीं होता। मगर भाजपा के लोग लड़ाई की बात करते हैं।