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सरस्वती शिशु मंदिरों से पुनर्स्थापित होंगे सांस्कृतिक मूल्य: CM पुष्कर सिंह धामी

विद्या भारती के विद्यालयों में शिक्षा और संस्कार का समन्वय

09:15 AM May 21, 2025 IST | Himanshu Negi

विद्या भारती के विद्यालयों में शिक्षा और संस्कार का समन्वय

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में सरस्वती विद्या मंदिर के छात्रावास का शिलान्यास किया। उन्होंने कहा कि यह छात्रावास विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास में मदद करेगा और सांस्कृतिक मूल्यों को पुनर्स्थापित करेगा। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में शिक्षा में सुधार हुए हैं, और राज्य ने नई शिक्षा नीति लागू की है।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी देहरादून के मांडूवाला स्थित सरस्वती विद्या मंदिर में छात्रावास के शिलान्यास कार्यक्रम में पहुंचे। इस दौरान CM धामी ने सभी विद्यार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह छात्रावास विद्यार्थियों को आवासीय सुविधा प्रदान करने के साथ ही उनके सर्वांगीण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। साथ ही CM धामी ने बताया कि भारत की आजादी के बाद सांस्कृतिक मूल्यों और राष्ट्रीयता की भावना को पुनर्स्थापित करने के लिए सरस्वती शिशु मंदिर विद्यालयों की स्थापना की गई थी।

500 स्कूलों में वर्चुअल क्लासरूम की व्यवस्था

CM धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में शिक्षा व्यवस्था में व्यापक सुधार किए गए हैं। राज्य सरकार ने देश में पहली बार नई शिक्षा नीति लागू की। राज्य के 13 जिलों के 500 स्कूलों में वर्चुअल क्लासरूम की भी व्यवस्था की गई है। शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी सरकारी स्कूलों में एनसीईआरटी की किताबें अनिवार्य कर दी गई हैं। साथ ही मेधावी छात्र प्रोत्साहन छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत उत्तराखंड के सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों के कक्षा 6वीं से 12वीं तक के मेधावी छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति दी जा रही है।

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गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जा रही है

CM धामी ने कहा कि विद्या भारती द्वारा पूरे भारत में 12 हजार से अधिक विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं, जिनमें 35 लाख से अधिक विद्यार्थी शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। इन विद्यालयों में आधुनिक और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जा रही है। इसके साथ ही देशभक्ति, नैतिक मूल्यों, भारतीय संस्कृति, संस्कारों और समाज के प्रति जिम्मेदारी की भावना विकसित करने का प्रयास किया जाता है। विद्या भारती द्वारा संचालित विद्यालयों में चरित्र निर्माण और सेवा की भावना को महत्व दिया जाता है।

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