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ब्रिटेन में नहीं थम रहे दंगे, अब तक एक हजार से ज्यादा लोग गिरफ्तार

12:15 PM Aug 14, 2024 IST
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ब्रिटेन में पिछले दो सप्ताह में हुई हिंसा, आगजनी और लूटपाट के साथ-साथ नस्लवादी हमलों के सिलसिले में पुलिस ने एक हजार से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है। रिपोर्ट के अनुसार, इंटरनेट पर गलत जानकारी से हिंसा भड़की थी। जिसमें दावा किया गया था कि जुलाई के अंत में उत्तर-पश्चिमी इंग्लैंड के साउथपॉर्ट में तीन बच्चों की हत्या करने वाला संदिग्ध एक मुस्लिम अप्रवासी था। इसे हत्या का दोषी ठहराया गया था। इंग्लैंड के कई शहरों और उत्तरी आयरलैंड में भी हिंसा भड़क उठी, लेकिन इसमें शामिल लोगों की पहचान करने के प्रयासों में तेजी लाने के बाद पिछले सप्ताह से हिंसा की घटनाओं में कमी आई है।

कई लोगों को तुरंत भेजा गया जेल



कई लोगों को तुरंत जेल भेज दिया गया और कुछ को लंबी सजा भी दी गई। राष्ट्रीय पुलिस प्रमुख परिषद ने अपने लेटेस्ट अपडेट में कहा कि पूरे ब्रिटेन में 1,024 लोगों को गिरफ्तार किया गया और 575 पर आरोप लगाए गए। गिरफ्तार किए गए लोगों में लिवरपूल में तोड़फोड़ के आरोपी 69 वर्षीय व्यक्ति तथा बेलफास्ट में 11 साल का लड़का शामिल है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अभियोजक ने बताया कि 13 वर्षीय लड़की ने बेसिंगस्टोक मजिस्ट्रेट कोर्ट में हिंसक उपद्रव करने का अपराध स्वीकार किया है। उसे 31 जुलाई को शरणार्थियों के लिए बने एक होटल के प्रवेश द्वार पर लात-घूंसे मारते हुए देखा गया था।

ब्रिटेन में 2011 में बड़े पैमाने पर हुए दंगे



अभियोजक थॉमस पावर ने कहा, "इस भयावह घटना से उन लोगों में डर पैदा हो गया, जो इन गुंडों के निशाने पर थे। यह बेहद दुखद है कि इतनी छोटी लड़की ने इस हिंसक घटना में हिस्सा लिया।" इससे पहले ब्रिटेन में 2011 में बड़े पैमाने पर दंगे हुए थे। पुलिस ने एक अश्वेत व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसके बाद कई दिनों तक सड़कों पर हिंसा फैली।

इंटरनेट पर गलत जानकारी से भड़की थी हिंसा

इंटरनेट पर गलत जानकारी से हिंसा भड़की थी। जिसमें दावा किया गया था कि जुलाई के अंत में उत्तर-पश्चिमी इंग्लैंड के साउथपोर्ट में तीन बच्चों की हत्या करने वाला संदिग्ध एक मुस्लिम अप्रवासी था। यह संदिग्ध 17 वर्षीय एक्सल रुदाकुबाना था। इस पर हत्या का आरोप लगाया गया था। उपद्रव के बाद 100 से ज़्यादा दंगाइयों पर आरोप लगाए गए हैं और उनके मामलों को अदालती प्रक्रिया में तेजी से निपटाया गया है। बुधवार को तीन लोगों को जेल भेजा गया, जिनमें से एक को तीन साल की सजा सुनाई गई। इसी बीच बांग्लादेश में राजनीतिक अराजकता और अशांति के बीच पंचगढ़ जिले के गांवों के कम से कम 500 बांग्लादेशी नागरिकों ने भारत में प्रवेश करने की कोशिश की। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों ने उन्हें पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी के पास भारतीय सीमा में प्रवेश करने से रोक दिया। बांग्लादेशी नागरिकों का कहना है कि देश में जारी हिंसा के बीच उनके घरों में तोड़फोड़ की गई है। शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बावजूद अशांति जारी रहने के कारण वे अपनी जान बचाने के लिए भारत में शरण लेना चाहते हैं।

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