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रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच स्वीडन ने नाटो में की एंट्री ; बना गठबंधन का 32वां सदस्य , रूस की बढ़ेगी टेंशन

12:22 AM Mar 08, 2024 IST
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यूक्रेन में चल रहे युद्ध के बीच, स्वीडन उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) में शामिल हो गया और सैन्य संगठन का सबसे नया और 32वां सदस्य बन गया। इसके साथ ही स्वीडन की 200 साल पुरानी गुटनिरपेक्षता भी खत्म हो गई है। नाटो को मुख्य रूप से रूस के खिलाफ बनाया गया है। हालांकि, स्वीडन ने 2022 के यूक्रेन युद्ध के पहले तक नाटो से औपचारिक तौर पर दूरी बनाकर रखी हुई थी।
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद स्वीडन आधिकारिक तौर पर गुरुवार को नाटो में शामिल हो गया, जिसने उसे अपनी रक्षा नीति पर पुनर्विचार करने और तटस्थता की अपनी लंबे समय से चली आ रही स्थिति को छोड़ने के लिए प्रेरित किया।
दस्तावेज को आधिकारिक तौर पर विदेश विभाग में जमा
स्वीडन के प्रधानमंत्री उल्फ क्रिस्टर्सन और अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने एक समारोह की अध्यक्षता की, जिसमें गठबंधन में स्वीडन के शामिल होने के दस्तावेज को आधिकारिक तौर पर विदेश विभाग में जमा कर दिया गया है।
स्वीडन के लिए एक ऐतिहासिक क्षण - एंटनी ब्लिंकन
अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि यह स्वीडन के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। यह गठबंधन के लिए ऐतिहासिक है। यह ट्रांस अटलांटिक संबंधों के लिये इतिहास है। हमारा नाटो गठबंधन अब पहले से कहीं अधिक मजबूत और बड़ा हो गया है। स्वीडन अब नाटो की नीतियों और निर्णयों को आकार देने में समान भागीदारी के साथ नाटो की मेज पर अपना उचित स्थान लेगा। 200 से अधिक वर्षों के गुटनिरपेक्षता के बाद स्वीडन को अब अनुच्छेद 5 के तहत दी गई सुरक्षा प्राप्त है जो कि अंतिम गारंटी है। मित्र राष्ट्रों की स्वतंत्रता और सुरक्षा की। स्वीडन अपने साथ सक्षम सशस्त्र बलों और प्रथम श्रेणी के रक्षा उद्योग को लेकर आया है। स्वीडन का शामिल होना नाटो को मजबूत बनाता है, स्वीडन को सुरक्षित बनाता है और पूरे गठबंधन को अधिक सुरक्षित बनाता है।
नाटो में अपने देश के प्रवेश को "स्वतंत्रता की जीत" के रूप में सराहा - स्वीडिश प्रधानमंत्री
स्वीडिश प्रधानमंत्री उल्फ क्रिस्टर्सन ने गुरुवार को नाटो में अपने देश के प्रवेश को "स्वतंत्रता की जीत" के रूप में सराहा, क्योंकि इसने यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद दो शताब्दियों की गुटनिरपेक्षता को खत्म कर दिया है।
अमेरिका और हमारे सहयोगी और भी सुरक्षित हो जाएंगे - व्हाइट हाउस
वही , व्हाइट हाउस ने कहा कि स्वीडन को नाटो सहयोगी के रूप में रखने से अमेरिका और हमारे सहयोगी और भी सुरक्षित हो जाएंगे।
व्हाइट हाउस ने आगे कहा कि नाटो दुनिया के इतिहास में सबसे शक्तिशाली रक्षात्मक गठबंधन है, और यह आज भी हमारे नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उतना ही महत्वपूर्ण है जितना 75 साल पहले था जब हमारे गठबंधन की स्थापना द्वितीय विश्व युद्ध के दौर में हुई थी।
रूस ने स्वीडन को दी धमकी
रूस ने नाटो में स्वीडन के प्रवेश पर जवाबी उपाय करने की कसम खाई है, खासकर अगर गठबंधन की सेना और संपत्ति उसके देश में तैनात हो। स्वीडन और फ़िनलैंड ऐतिहासिक रूप से सोवियत संघ के खिलाफ एकजुट होने के लिए शीत युद्ध में गठित नाटो में आधिकारिक तौर पर शामिल होने से बचते रहे हैं। लेकिन, 2022 में यूक्रेन पर रूस के हमले ने इन दोनों देशों के विदेश नीति को बदल दिया।
बता दे कि पिछले वर्ष फिनलैंड के इसमें शामिल होने के बाद स्वीडन की सदस्यता का मतलब है कि रूस को छोड़कर बाल्टिक सागर के आसपास के सभी देश अमेरिका के नेतृत्व वाले सैन्य गठबंधन का हिस्सा होंगे।

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