मत्स्यजीवी सहयोग समितियों में परम्परागत मछुआरों का हक है गैर मछुआ को तुरंत हटना चाहिए: अनिल सहनी
बिहार निषाद संघ के तत्वावधान में पटना के गर्दनीबाग धरना स्थल पर निषादो की सात सूत्री मांगों हेतु एक दिवसीय महाधरना आयोजित की गई।
06:17 PM Jun 17, 2022 IST | Desk Team
पटना, (पंजाब केसरी ) :बिहार निषाद संघ के तत्वावधान में पटना के गर्दनीबाग धरना स्थल पर निषादो की सात सूत्री मांगों हेतु एक दिवसीय महाधरना आयोजित की गई। इस महाधरना कीअध्यक्षता करते हुए संघ के प्रदेश अध्यक्ष ई हरेन्द्र प्रसाद निषाद ने कहा कि कई वर्षों से लंबित निषादों की सात सूत्री मांगों के संदर्भ में मुख्यमंत्री, विभागीय मंत्री एवं विभागीय पदाधिकारियों को अवगत कराने के बाद भी कोई निर्णय नहीं लिए जाने के कारण इस महाधरना के माध्यम से इन प्रमुख मांगें पर शीघ्र निर्णय लेने हेतु सरकार का ध्यान आकृष्ट की गई है। कार्यकारी अध्यक्ष जलेश्वर सहनी ने कहा कि मछुआरों के परम्परागत पेशों को दबंग गैर मछुआ द्वारा लगातार छिने जा रहे हैं जिसके फलस्वरूप मछुआरों की आर्थिक स्थिति दयनीय होती जा रही है। महा सचिव केशनाथ चौधरी ने मछुआरों की प्रमुख समस्याओं को सरकार द्वारा निराकरण नहीं किये जाने से बिहार के मछुआरा समाज काफी दुखित एवं आक्रोशित है ।प्रधान महासचिव धीरेन्द्र कुमार निषाद ने निषादों की सात सूत्री प्रमुख मांगें जैसे परम्परागत मछुआरों की सूची प्रकाशित करने एंव सूची प्रकाशित के उपरांत ही मत्स्यजीवी सहयोग समितियों का चुनाव कराने, निषादों के जनसंख्या के अनुपात में विधान परिषद एवं राज्य सभा में प्रतिनिधित्व देने, वन्दोवस्त जलकरों की सुरक्षा करने, मछुआरा आयोग का शीघ्र पुनर्गठन करने, नदियों में कृषि योग्य दियारे की भूमि को निषादों के साथ बन्दोबस्ती करने एवं बालू खनन के बन्दोबस्ती में निषादों के साथ कोटा निर्धारित करने, निषाद गोताखोरों को शीघ्र नियमित नियुक्ति करने और निषादों पर लगातार हो रही जुल्म एंव हत्या पर अंकुश लगाने इत्यादि पर शीघ्र निर्णय लेने हेतु सरकार से मांग की।
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