अमृतसर हादसे पर ड्राइवर का बयान, 'लगाई थी इमरजेंसी ब्रेक, पर पथराव देख नहीं रोकी ट्रेन'
अमृतसर में दशहरा के दिन हुए ट्रेन हादसे के बाद पटरियों पर धरना दे रहे प्रदर्शनकारियों को हटा दिया गया और ट्रेनों का परिचालन 40 घंटे बाद आज बहाल हो गया।
अमृतसर रेल हादसे में ट्रेन के ड्राइवर अरविंद कुमार का पहली बार बयान सामने आया है। इस बयान में अरविंद ने कहा है कि ट्रेन के इमरजेंसी ब्रेक लगाए गए थे, उसके बावजूद मेरी गाड़ी के चपेट में कुछ लोग आ गए। बता दें कि ड्राइवर अरविंद कुमार ने ये बयान लिखित में दिया है।
डीजल इलेक्ट्रक मल्टीपल यूनिट (DEMU) के ड्राइवर अरविंद कुमार ने रेलवे प्रशासन को दिए बयान में कहा, मैंने ट्रैक पर लोगों का हुजूम देखते ही इमरजेंसी ब्रेक लगा दी लेकिन इसके बावजूद ट्रेन की चपेट में कुछ यात्री आ गए। ड्राइवर का दावा है कि जब ट्रेन पूरी तरह से रुकने की स्थिति में पहुंच गई थी, तभी ट्रेन पर कुछ लोगों ने पत्थरों से हमला कर दिया, जिससे यात्रियों की सुरक्षा के लिए उसने फिर से ट्रेन चला दी।
पटरियों से हटाए गए प्रदर्शनकारी, 40 घंटे बाद बहाल हुई ट्रेन सेवाएं
अमृतसर में दशहरा के दिन हुए ट्रेन हादसे के बाद से पटरियों पर धरना दे रहे प्रदर्शनकारियों को हटा दिया गया है और ट्रेनों का परिचालन करीब 40 घंटे बाद रविवार दोपहर बहाल हो गया। रेलवे के एक प्रवक्ता ने यह जानकारी दी। प्रवक्ता ने बताया कि रेलवे को स्थानीय अधिकारियों से दोपहर 12:30 बजे ट्रेन सेवाएं बहाल करने की मंजूरी मिली।
उत्तर रेलवे के प्रवक्ता दीपक कुमार ने बताया, ”पहले मालगाड़ी को दोपहर दो बजकर 16 मिनट पर मनावला से अमृतसर रवाना किया गया।” उन्होंने बताया कि इसके बाद मेल या एक्सप्रेस ट्रेनों का आवागमन शुरू किया जाएगा। फिरोजपुर मंडल के वरिष्ठ मंडलीय सुरक्षा आयुक्त (रेलवे) एस सुधाकर ने बताया, ”प्रभावित पटरी (जोड़ा फाटक) पर ट्रेन सेवाएं फिर से शुरू हो गई हैं। एक मालगाड़ी को इससे होकर गुजरने की अनुमति दी गई।”
इससे पहले पंजाब पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को पटरी पर से हटाया, जो वहां धरना दे रहे थे। पटरी से हटाए जाने के दौरान गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया, जिससे सुरक्षा कर्मियों के साथ उनकी झड़प हुई। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि पथराव में पंजाब पुलिस का एक कमांडो और एक फोटो पत्रकार घायल हो गये।
वही, प्रदर्शनकारी राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी और पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के इस्तीफे की मांग कर रहे थे। अधिकारियों ने बताया कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पंजाब पुलिस ने कमांडो समेत अपने अन्य कर्मी तैनात किए हैं। जोड़ा फाटक इलाके में त्वरित कार्य बल (आरएएफ) के कर्मी भी मौजूद हैं।