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ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय की कोरोना वैक्सीन के ट्रायल के नतीजे असरदार, 1000 लोगों पर हुआ था टेस्ट

ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों का कहना है कि उनके प्रायोगिक कोरोना वायरस टीके ने शुरुआती परीक्षण में सैकड़ों लोगों में सुरक्षात्मक प्रतिरोधक प्रतिक्रिया उत्पन्न की है, जिन्हें यह टीका लगाया गया था।

08:50 PM Jul 20, 2020 IST | Ujjwal Jain

ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों का कहना है कि उनके प्रायोगिक कोरोना वायरस टीके ने शुरुआती परीक्षण में सैकड़ों लोगों में सुरक्षात्मक प्रतिरोधक प्रतिक्रिया उत्पन्न की है, जिन्हें यह टीका लगाया गया था।

लंदन: ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों का कहना है कि उनके प्रायोगिक कोरोना वायरस टीके ने शुरुआती परीक्षण में सैकड़ों लोगों में सुरक्षात्मक प्रतिरोधक प्रतिक्रिया उत्पन्न की है, जिन्हें यह टीका लगाया गया था। ब्रिटिश शोधकर्ताओं ने पहली बार अप्रैल में लगभग 1,000 लोगों में टीके का परीक्षण शुरू किया था, जिनमें से आधे लोगों को प्रायोगिक टीका लगाया गया था। इस तरह के शुरुआती परीक्षणों को आमतौर पर केवल सुरक्षा का मूल्यांकन करने के लिए किया जाता है, लेकिन इस मामले में विशेषज्ञ यह भी देखना चाह रहे थे कि इसकी किस तरह की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया होगी। 
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‘लांसेट’ नामक पत्रिका में सोमवार को प्रकाशित शोध में, वैज्ञानिकों ने कहा कि उन्होंने पाया कि उनके प्रायोगिक कोविड-19 टीके ने 18 से 55 वर्ष की आयु के लोगों में दोहरी प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया उत्पन्न की है। ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में जेनर इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ. एड्रियन हिल ने कहा, ‘‘हम लगभग हर किसी में अच्छी प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया देख रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह टीका विशेष रूप से प्रतिरक्षा प्रणाली के दोनों दोनों पक्षों को मजबूत कर देता है।’’ 
हिल ने कहा कि एंटीबॉडी को निष्क्रिय करने से जो परमाणु उत्पन्न होते हैं जो संक्रमण को रोकने के लिए महत्वपूर्ण हैं। इसके अलावा, इस टीका से शरीर की टी-कोशिकाओं में एक प्रतिक्रिया होती है जो कोरोना वायरस से लड़ने में मदद करते हैं। उन्होंने कहा कि टीके की प्रभावशीलता का मूल्यांकन करने वाले बड़े परीक्षणों में ब्रिटेन के लगभग 10,000 लोगों के साथ-साथ दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील के प्रतिभागी शामिल हैं। ये परीक्षण अभी बड़े पैमाने पर जारी हैं। अमेरिका में जल्द ही एक और बड़ा परीक्षण शुरू होने वाली है, जिसमें लगभग 30,000 लोगों को शामिल करने का लक्ष्य रखा गया है। 
टीके की प्रभावशीलता का निर्धारण वैज्ञानिक कितनी जल्दी कर पाते हैं, यह बहुत हद तक इस बात पर निर्भर करेगा कि वहाँ कितना अधिक परीक्षण होता है, लेकिन हिल ने अनुमान लगाया कि उनके पास यह सुनिश्चित करने के लिए वर्ष के अंत तक पर्याप्त डेटा हो सकता है कि क्या टीका को सामूहिक टीकाकरण अभियानों के लिए अपनाया जाना चाहिए। 
हिल ने कहा कि ऑक्सफोर्ड का टीका बीमारी और उसके प्रसार को कम करने के लिए बनाया गया है। ऑक्सफोर्ड ने वैश्विक स्तर पर अपने टीके के उत्पादन के लिए दवा निर्माता कंपनी एस्ट्राजेनेका के साथ साझेदारी की है और कंपनी पहले ही दो अरब खुराक बनाने की प्रतिबद्धा जता चुकी है।

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