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ईरान-इस्राइल संघर्ष में अमेरिका की एंट्री: तीन परमाणु स्थलों पर किया हमला, ट्रंप ने दी पुष्टि

बी-2 स्टील्थ बमवर्षक विमान को गुआम भेजा

06:42 AM Jun 22, 2025 IST | Priya Pathania

बी-2 स्टील्थ बमवर्षक विमान को गुआम भेजा

अमेरिका ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों—फोर्डो, नतांज़ और इस्फ़हान—पर बी-2 स्टील्थ बमवर्षकों से हवाई हमला किया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसे सफल अभियान बताया। इस्राइल पहले से ईरान पर हमले कर रहा है और अब अमेरिका की एंट्री से संघर्ष और गहरा गया है। ईरान ने चेतावनी दी है कि इसका गंभीर जवाब दिया जाएगा, जिससे क्षेत्र में युद्ध की आशंका बढ़ गई है।

वॉशिंगटन : मध्य पूर्व में ईरान और इस्राइल के बीच जारी तनावपूर्ण हालात के बीच अब अमेरिका ने खुलकर हस्तक्षेप किया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पुष्टि की है कि अमेरिका ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु स्थलों- फोर्डो, नतांज़ और इस्फ़हान पर हवाई हमले किए हैं। यह हमला अमेरिका द्वारा गुआम स्थित एंडरसन एयरबेस पर बी-2 स्टील्थ बमवर्षक विमानों की तैनाती के बाद अंजाम दिया गया।

राष्ट्रपति ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर पोस्ट कर बताया, “हमने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों- फोर्डो, नतांज़ और इस्फ़हान पर बहुत सफल हमला किया है। सभी विमान अब ईरानी हवाई क्षेत्र से बाहर हैं और सुरक्षित रूप से लौट रहे हैं। हमारे बहादुर अमेरिकी सैनिकों को बधाई। अब शांति का समय है!”

गहरे भूमिगत फोर्डो ठिकाने को बनाया गया मुख्य निशाना

जानकारी के अनुसार, अमेरिकी हमलों का मुख्य लक्ष्य फोर्डो था, जो ईरान का सबसे सुरक्षित परमाणु केंद्र माना जाता है। यह स्थल जमीन के करीब 90 मीटर नीचे स्थित है और इसे सामान्य हथियारों से नष्ट करना लगभग असंभव माना जाता है। बी-2 स्टील्थ बमवर्षक ही इस तरह के भूमिगत ठिकानों को निशाना बनाने में सक्षम है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस मिशन में बी-2 बमवर्षकों ने पूर्ण बम पेलोड के साथ फोर्डो पर हमला किया।

इस्राइल ने दिया “लंबे अभियान” का संकेत

उधर, इस्राइल ने स्पष्ट कर दिया है कि वह ईरान के खिलाफ लंबे सैन्य अभियान के लिए तैयार है। इस्राइली सैन्य सूत्रों के अनुसार, ईरानी परमाणु और सैन्य ठिकानों पर हमले आगे भी जारी रहेंगे। अब तक इस्राइली हमलों में ईरान में 430 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और 3,500 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। वहीं, इस्राइल ने अपने यहां 24 नागरिकों के मारे जाने की पुष्टि की है।

ईरान पहले ही दे चुका था चेतावनी

इस ताजा अमेरिकी हमले ने मध्य पूर्व में हालात को और तनावपूर्ण बना दिया है। ईरान पहले ही अमेरिका को स्पष्ट चेतावनी दे चुका था कि यदि वह इस संघर्ष में प्रत्यक्ष रूप से शामिल होता है तो इसके गंभीर परिणाम होंगे। ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने कहा था, “अगर अमेरिका इस युद्ध में शामिल होता है, तो यह सभी पक्षों के लिए अत्यंत खतरनाक सिद्ध होगा।”

ट्रंप पर वादाखिलाफी के आरोप

विश्लेषकों का मानना है कि राष्ट्रपति ट्रंप का यह कदम उनके 2016 के चुनावी वादों के उलट है, जिसमें उन्होंने अमेरिका को विदेशी संघर्षों से दूर रखने की बात कही थी। अब जबकि उन्होंने सक्रिय सैन्य हस्तक्षेप किया है, तो घरेलू राजनीतिक समीकरणों पर भी इसका प्रभाव पड़ सकता है।

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