व्यापार की आड़ में आतंक से प्यार बढ़ा रहे ट्रंप! सऊदी में इस आतंकवादी से की मुलाकात
ट्रंप का आतंक से बढ़ता रिश्ता
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सऊदी अरब में सीरिया के आतंकवादी संगठन हयात तहरीर अल-शाम के नेता अहमद अल-शरा से मुलाकात की। अल-शरा अमेरिका की वांछित सूची में हैं और इस पर एक करोड़ डॉलर का इनाम भी घोषित है। इस कदम से ट्रंप की मध्य पूर्व नीति पर गंभीर चर्चाएं शुरू हो गई हैं।
Donald Trump: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इन दिनों मध्य पूर्व की यात्रा पर हैं. इसा दौरान उन्मंहोंने गलवार को एक निवेश मंच से घोषणा की कि अमेरिका अब सीरिया पर लगे सभी प्रतिबंध हटा रहा है. इस घोषणा के अगले ही दिन, यानी बुधवार सुबह ट्रंप ने सीरिया के प्रभावशाली नेता अहमद अल-शरा से मुलाकात की. हैरानी की बात यह है कि अल-शरा अमेरिका की वांछित आतंकवादियों की सूची में शामिल हैं और उन पर एक करोड़ डॉलर का इनाम घोषित है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अल-शरा को पहले अबू मोहम्मद अल-जुलानी के नाम से जाना जाता था.वह वर्तमान में सीरिया के कट्टरपंथी संगठन हयात तहरीर अल-शाम (HTS) के प्रमुख हैं. यह वही संगठन बशर अल-असद की सरकार के खिलाफ विद्रोह में अहम भूमिका निभा चुका है. HTS को कई देशों और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने आतंकवादी संगठन घोषित किया है. वहीं ये संगठन अमेरिका की भी प्रतिबंधित सूची में शामिल है.
‘अल-शरा का आतंकवाद से जुड़ाव
अल-शरा का आतंकवाद से पुराना नाता रहा है. HTS को पहले अल-कायदा की सीरियाई शाखा माना जाता था. उन पर इराक में भी आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप हैं. अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने उन पर युद्ध अपराध और मानवाधिकार उल्लंघन के सबूत भी जुटाए हैं.
अब उदारवादी छवि बनाने की कोशिश
सीरिया में सत्ता संभालने के बाद, अल-शरा खुद को उदारवादी नेता के रूप में पेश कर रहे हैं. वे अब पश्चिमी नेताओं की तरह कपड़े पहनते हैं और सीरिया की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध हटाने की बात करते हैं.
सीजफायर का गुणगान और पाकिस्तानी आतंक पर साधी चुप्पी, इस सवाल से बचते नजर आए अमेरिकी मंत्री
अल-शरा सऊदी और कतर का समर्थन
ऐसा कहा जा रहा है कि अल-शरा को सऊदी अरब और कतर जैसे प्रमुख सुन्नी देशों का समर्थन प्राप्त है. ट्रंप को इस यात्रा से बड़े निवेश की उम्मीद है, इसलिए यह भी माना जा रहा है कि उन्होंने सऊदी दबाव में आकर अल-शरा से मुलाकात की.आलोचकों का कहना है कि ट्रंप अब सिर्फ व्यापार के लिए अपने पुराने रुख से पीछे हट रहे हैं.