Trump Tariff: दादागिरी नहीं चलेगी, अमेरिका कर रहा है रूस से व्यापार, विदेश मंत्रालय ने दिया कड़ा जवाब
Trump Tariff: भारत और रूस के साथ गहरे मैत्री संबंध और व्यापार के बीच राष्ट्रपति ट्रंप फूट डालने की कोशिश कर रहा है। इसी बीच रूस से तेल ख़रीदने पर अमेरिका ने भारत पर टैरिफ़ बढ़ाने की धमकी दी थी लेकिन विदेश मंत्रालय ने कड़ा जवाब देते हुए कहा कि रूस से तेल खरीद को लेकर अमेरिका द्वारा देश को निशाना बनाना अनुचित और अविवेकपूर्ण है। भारत न सिर्फ भारी मात्रा में रूसी तेल ख़रीद रहा है, बल्कि ख़रीदे गए ज्यादातर तेल को खुले बाज़ार में भारी मुनाफे पर बेच भी रहा है।
विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया
बता दें कि रूस का यूक्रेन के सात संघर्ष शुरू होने के बाद रूस से तेल आयात करने के कारण भारत को अमेरिका और यूरोपीय संघ द्वारा निशाना बनाया गया है। इसी जवाब में भारत ने जवाब देते हुए कहा कि रूस से आयात इसलिए शुरू किया क्योंकि संघर्ष शुरू होने के बाद आपूर्ति यूरोप की ओर मोड़ दी गई थी। इस दौरान अमेरिका ने वैश्विक ऊर्जा बाजार की स्थिरता को मजबूत करने के लिए रूस से आयात किए गए व्यापार को बढ़ावा दिया था।
Statement by Official Spokesperson⬇️
🔗 https://t.co/O2hJTOZBby pic.twitter.com/RTQ2beJC0W— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) August 4, 2025
Europe Russia Trade
विदेश मंत्रालय ने कड़ा जवाब देने के साथ ही यूरोपीय संघ की पोल भी खोल दी है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2023 में रूस के साथ वस्तुओं का द्विपक्षीय व्यापार 67.5 अरब यूरो और सेवाओं का 17.2 अरब यूरो था। यह व्यापार भारत के रूस के साथ कुल व्यापार से काफ़ी अधिक है। वहीं रूस से यूरोपीय संघ का LNG आयात 2024 में रिकॉर्ड 16.5 मिलियन टन तक पहुँच गया है। इतना ही नहीं यूरोप-रूस देशों के बीच व्यापार में न केवल ऊर्जा, बल्कि उर्वरक, खनन उत्पाद, रसायन, लोहा और इस्पात तथा मशीनरी और परिवहन उपकरण भी शामिल हैं।
US Russia Trade
यूरोपीय संघ और रूस के साथ व्यापार के बारे में जानकारी देने के साथ ही अमेरिका की भी पोल खोल के रख दी है। विदेश मंत्रालय ने बताया कि अमेरिका खुद अपने परमाणु उद्योग के लिए रूस से यूरेनियम हेक्साफ्लोराइड, EV उद्योग के लिए पैलेडियम, उर्वरकों के साथ-साथ रसायनों का आयात करता है।
ALSO READ: रूस-अमेरिका में छिड़ेगी Nuclear War! ट्रंप की चेतावनी ने बढ़ाई वैश्विक हलचल