W3Schools
For the best experience, open
https://m.punjabkesari.com
on your mobile browser.
Advertisement

Tulsi Vivah 2025: कन्यादान का महापुण्य दिलाता है ‘तुलसी विवाह’, जानें 2025 में तिथि, कथा और विधि-विधान

01:13 PM Oct 29, 2025 IST | Khushi Srivastava
tulsi vivah 2025  कन्यादान का महापुण्य दिलाता है ‘तुलसी विवाह’  जानें 2025 में तिथि  कथा और विधि विधान
Tulsi Vivah 2025(Photo: AI Generated)
Advertisement
Tulsi Vivah 2025: हिंदू धर्म में तुलसी विवाह का बहुत बड़ा धार्मिक महत्व है। माना जाता है कि जो भक्त विधि-विधान से तुलसी और शालिग्राम का विवाह कराता है, उन्हें कन्यादान के समान पुण्य फल प्राप्त होता है और जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं। तुलसी माता को देवी लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है।
Advertisement
Advertisement
ऐसे में इस दिन तुलसी विवाह कराने से वैवाहिक जीवन में खुशहाली, प्यार और सुख-समृद्धि आती है। अगर अविवाहित कन्याएं इस पूजा को पूरे विधि-विधान के साथ करती हैं, तो उन्हें मनचाहा पति मिलता है।

Tulsi Vivah 2025 Date: कब है तुलसी विवाह

Tulsi Vivah 2025
Tulsi Vivah 2025 (Photo: AI Generated)
हिन्दू पंचांग के अनुसार, कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि की शुरुआत 02 नवंबर को सुबह 07 बजकर 31 मिनट पर होगी। वहीं, इसका समापन 03 नवंबर को सुबह 05 बजकर 07 मिनट पर होगा। ऐसे में इस साल 02 नवंबर को तुलसी विवाह किया जाएगा।

Vishnu Tulsi Vivah 2025: तुलसी विवाह की पूजा विधि

Vishnu Tulsi Vivah 2025
Vishnu Tulsi Vivah 2025 (Photo: AI Generated)

घर के आंगन, बालकनी या पूजा स्थल पर तुलसी के पौधे को स्थापित करें और उस पर रंगोली बनाकर एक सुंदर सा मंडप जैसा सजाएं। जिसके बाद तुलसी जी को चूड़ी, चुनरी, साड़ी और सभी शृंगार का सामान अर्पित करें। शालिग्राम जी को तुलसी के पौधे के दाहिनी ओर स्थापित करें। तुलसी माता और शालिग्राम भगवान को गंगाजल से स्नान कराएं। शालिग्राम जी को चंदन और तुलसी जी को रोली का तिलक लगाएं।

उन्हें फूल, भोग के रूप में मिठाई, गन्ने, पंचामृत सिंघाड़े आदि चढ़ाएं। धूप और दीप जलाएं। शालिग्राम जी पर चावल नहीं चढ़ाया जाता, इसलिए उनके ऊपर तिल या सफेद चंदन चढ़ाएं। विधिवत मंत्रोच्चार के साथ देवी तुलसी और शालिग्राम भगवान के सात फेरे कराए जाते हैं। विवाह के बाद आरती करें और प्रसाद सभी में बांटें।

Tulsi Vivah 2025: क्या है तुलसी और शंखचूड़ की कहानी?

Tulsi Vivah 2025
Tulsi Vivah 2025 (Photo: Social Media)
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, तुलसी जी का जन्म वृंदा के रूप में हुआ था। वे शंखचूड़ नाम के एक असुर की पत्नी थीं। शंखचूड़ भगवान विष्णु के परम भक्त थे। शंखचूड़ के निधन के बाद, वृंदा ने अपने प्राण त्याग दिए। उनके पतिव्रत और भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु ने उन्हें देवी तुलसी के रूप में पुनर्जन्म का वरदान दिया और यह आशीर्वाद दिया कि उनका विवाह स्वयं उनसे होगा।
इसी पावन घटना की स्मृति में हर वर्ष कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी से पूर्णिमा के बीच तुलसी विवाह उत्सव मनाया जाता है।

Dev Uthani Ekadashi Tulsi Vivah: इसी दिन से होती है मांगलिक कार्यों की शुरुआत

Dev Uthani Ekadashi
Dev Uthani Ekadashi (Photo: AI Generated)

तुलसी विवाह के साथ ही देवउठनी एकादशी के बाद सभी शुभ कार्यों की शुरुआत हो जाती है, इसलिए इसे विशेष रूप से शुभ माना जाता है। माना जाता है कि देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु के चार महीने की निद्रा पूरी कर जागने के बाद से मांगलिक कार्यों का आरंभ होता है। देवउठनी एकादशी को ‘देवोत्थान एकादशी’ या ‘प्रबोधिनी एकादशी’ भी कहा जाता है।

इस दिन से विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन जैसे शुभ कार्यों की शुरुआत होती है। कहा जाता है कि जो व्यक्ति श्रद्धा और भक्ति से इस दिन व्रत रखता है और पूजा करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। साथ ही मां लक्ष्मी की कृपा से जीवन में सुख और समृद्धि बनी रहती है।

यह भी पढ़ें- 30 या 31 अक्टूबर, 2025 में कब है आंवला नवमी? उत्तम स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए इस दिन ऐसे करें आंवला वृक्ष की पूजा

Advertisement
Author Image

Khushi Srivastava

View all posts

Advertisement
Advertisement
×