तुर्की के सेबों का ग्वालियर में बहिष्कार, व्यापारियों ने जताई नाराज़गी
भारत-पाक तनाव के बीच तुर्की सेबों पर ग्वालियर का विरोध
भारत-पाक तनाव के बीच तुर्की के पाकिस्तान समर्थन से नाराज़ ग्वालियर के व्यापारियों ने तुर्की के सेबों का बहिष्कार कर दिया। फल व्यापारियों ने इसे देश के साथ विश्वासघात बताते हुए तुर्की से आयातित सेबों को खरीदने से इंकार कर दिया है। अब कश्मीर और अन्य देशों के सेबों की मांग बढ़ गई है।
भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव में एक नया मोड़ सामने आया है जहां तुर्की ने भारत के खिलाफ हमले में पाकिस्तान का समर्थन किया था। इसी समर्थन को लेकर देश भर में तुर्की के खिलाफ विरोध बढ़ता जा रहा है। JNU और जामिया विश्वविद्यालय ने भी तुर्की के साथ संबंध तोड़ दिए है वहीं दूसरी तरफ मध्य प्रदेश के ग्वालियर में फल व्यापारियों ने तुर्की से आयातित सेबों पर कड़ा विरोध जताया है। ग्वालियर के स्थानीय व्यापारियों ने भारत-पाक तनाव के दौरान तुर्की के रुख की निंदा करते हुए इसे देश के साथ विश्वासघात बताया है और दावा करते हुए कहा कि वे ऐसे देश के साथ व्यापार नहीं करेंगे जो पाकिस्तान का समर्थन करता है।
तुर्की के सेबों की मांग में गिरावट
बता दें कि ग्वालियर में तुर्की के सेबों का बहिष्कार किया गया, साथ ही शहर में कोई भी फल विक्रेता तुर्की के सेब नहीं खरीद रहा है। तुर्की के सेबों का बहिष्कार करने पर कश्मीर, दक्षिण अफ्रीका, अमेरिका के सेबों की मांग बढ़ गई है। फल व्यापारी ने बताया कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव से पहले तुर्की के सेबों की भारी मांग थी, लेकिन तनाव के बाद से व्यापारीयों ने तुर्की से सेब मंगवाना बंद कर दिया है। जिसके कारण मांग कम हो गई है। अब कश्मीर के सेबों की मांग बढ़ गई है।
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बता दें कि मध्यप्रदेश के ग्वालियर से करीब 10-12 व्यापारी तुर्की सेब के लिए ऑर्डर देते थे। लेकिन अब लगभग सभी ने तुर्की के सेब का बहिष्कार कर दिया है। व्यापारीयों ने बताया कि तुर्की के सेब का बहिष्कार करने के बाद हमारे पास दक्षिण अफ्रीका, वाशिंगटन का विकल्प भी है। उन्होंने कहा कि बहिष्कार से व्यापार पर कोई असर नहीं पड़ा है और भविष्य में तुर्की को नुकसान ही होगा।