दबाव के बाद भी ट्विटर ने ब्लॉक नहीं किये सभी एकाउंट्स, कहा - अभिव्यक्ति की आजादी का उल्लंघन होगा
माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर ने बुधवार को कहा कि भारत सरकार द्वारा ‘‘केवल भारत में ही’’ कुछ आकउंट को बंद करने के निर्देश के तहत उसने कुछ आकउंट पर रोक लगायी है।
01:38 PM Feb 10, 2021 IST | Ujjwal Jain
माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर ने बुधवार को कहा कि भारत सरकार द्वारा ‘‘केवल भारत में ही’’ कुछ आकउंट को बंद करने के निर्देश के तहत उसने कुछ आकउंट पर रोक लगायी है। हालांकि, नागरिक समाज के कार्यकर्ताओं, राजनीतिज्ञों एवं मीडिया के ट्विटर हैंडल को ब्लॉक नहीं किया है क्योंकि ऐसा करने से अभिव्यक्ति की आजादी के मूल अधिकार का उल्लंघन होगा।
ट्विटर ने जोर देकर कहा कि वह अपने उपयोगकर्ताओं की अभिव्यक्ति की आजादी का समर्थन करना जारी रखेगी और इसके लिए वह सक्रियता से भारतीय कानून के तहत विकल्पों पर विचार कर रही है जो ट्विटर एवं उपयोगकर्ताओं के खातों को प्रभावित करते हैं।
उल्लेखनीय है कि सरकार ने ट्विटर से ऐसे कई आकउंट को बंद करने को कहा जिनसे कथित तौर पर देश में चल रहे किसान आंदोलन को लेकर भ्रामक एवं भड़काऊ सूचनाएं साझा की जा रही हैं। सरकार ने आदेश का अनुपालन नहीं करने पर कानूनी कार्रवाई करने की भी चेतावनी दी है।
इस बारे में रुख स्पष्ट करने की मांग पर ट्विटर ने ब्लॉगपोस्ट में कहा कि नुकसानदेह सामग्री वाले हैशटैग कम नजर आए, इसके लिए उसने कदम उठाए हैं जिनमें ऐसे हैशटैग को ट्रेंड करने से रोकना एवं खोजने के दौरान इन्हें देखने की अनुशंसा नहीं करना शामिल है।
ट्विटर ने इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को भी इन उपायों को लागू करने की जानकारी दे दी है। ट्विटर ने रेखांकित किया कि उसने इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सभी आदेशों के तहत 500 से अधिक अकाउंट पर कार्रवाई की है। इनमें ट्विटर के नियमों का उल्लंघन करने पर अकाउंट को स्थायी रूप से बंद करने का कदम भी शामिल है।
ट्विटर ने कहा, ‘‘ … आज हमने अकाउंट को बंद करने के आदेश में चिह्नित अकाउंट के एक हिस्से पर हमारी देश में विषयवस्तु नीति के तहत केवल भारत में ही रोक लगाई है। ये अकाउंट भारत से बाहर उपलब्ध रहेंगे।’’ माइक्रोब्लॉगिंग साइट ने उन अकाउंट की जानकारी नहीं दी जिनपर कार्रवाई की गई है।
ट्विटर ने कहा कि उसने मीडिया संस्थानों, पत्रकारों, कार्यकर्ताओं एवं राजनेताओं के अकाउंट पर कार्रवाई नहीं की है क्योंकि, ‘‘हम नहीं मानते कि जिस तरह की कार्रवाई के निर्देश हमे दिए गए हैं वह भारतीय कानून और अभिव्यक्ति की रक्षा करने के हमारे सिद्धांत के अनुरूप है।’’
कंपनी ने तर्क दिया कि ऐसा करना भारतीय कानून में मिले अभिव्यक्ति के अधिकार का उल्लंघन होगा। ट्विटर ने कहा, ‘‘हम ट्विटर पर होने वाली स्वस्थ चर्चा की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं और मजबूती से मानते हैं कि ट्वीट का प्रवाह जारी रहना चाहिए।’’ ट्विटर ने जोर देकर कहा कि वह मानती है कि मंच पर स्वस्थ सार्वजनिक बहस को प्रोत्साहित करने एवं भरोसा जीतने के लिए पारदर्शिता आधार है।
माइक्रोब्लॉगिंग साइट ने कहा कि यह अहम है कि लोग समझे कि कैसे सामग्री में संतुलन एवं दुनिया भर की सरकारों से संवाद वह बनाती है। ट्विटर ने कहा, ‘‘स्वतंत्र इंटरनेट एवं अभिव्यक्ति के पीछे के मूल्यों पर पूरी दुनिया में खतरा बढ़ रहा है….ट्विटर उन आवाजों को ताकत देने के लिए है जिन्हें सुना जाना चाहिए और हम अपनी सेवाओं में लगातार सुधार करना जारी रखेंगे ताकि सभी -विचारों एवं रवैये से परे- सार्वजनिक बहस में हिस्सा बनने में सुरक्षित महसूस कर सके।’’
Advertisement
Advertisement