लोकसभा चुनाव के बाद दिल्ली में बढ़े ढाई लाख मतदाता, 6 जनवरी को होगा अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन
इस साल संपन्न हुये लोकसभा चुनाव के बाद दिल्ली में अब तक ढाई लाख से अधिक नये मतदाता जुड़ गये हैं। अगले साल प्रस्तावित दिल्ली विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बारे में राज्य निर्वाचन कार्यालय द्वारा चुनाव आयोग के समक्ष पेश समीक्षा रिपोर्ट के अनुसार 18 दिसंबर तक दिल्ली में मतदाताओं की संख्या एक करोड़ 45 लाख 72 हजार 385 हो गयी है
02:52 PM Dec 29, 2019 IST | Shera Rajput
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इस साल संपन्न हुये लोकसभा चुनाव के बाद दिल्ली में अब तक ढाई लाख से अधिक नये मतदाता जुड़ गये हैं। अगले साल प्रस्तावित दिल्ली विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बारे में राज्य निर्वाचन कार्यालय द्वारा चुनाव आयोग के समक्ष पेश समीक्षा रिपोर्ट के अनुसार 18 दिसंबर तक दिल्ली में मतदाताओं की संख्या एक करोड़ 45 लाख 72 हजार 385 हो गयी है , जबकि लोकसभा चुनाव से पहले 18 जनवरी को जारी दिल्ली की मतदाता सूची में एक करोड़ 43 लाख 16 हजार 453 मतदाता थे।
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अद्यतन मतदाता सूची के अनुसार दिल्ली में पुरुष मतदाताओं की संख्या 79.98 लाख और महिला मतदाताओं की संख्या 65.73 लाख है। इनमें तृतीय लिंग श्रेणी में शामिल मतदाताओं की संख्या 707 तथ तथा सर्विस वोटर 11567 हैं।
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उल्लेखनीय है कि दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल 22 फरवरी को समाप्त होगा और इससे पहले नवनिर्वाचित विधानसभा का गठन किया जाना, संवैधानिक अनिवार्यता है।
मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा की अध्यक्षता में दिल्ली विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर गुरुवार को हुयी समीक्षा बैठक में दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी डा . रणवीर सिंह ने बताया कि विधानसभा चुनाव के मद्देनजर मतदाता सूचियों को संशोधित करने का काम पूरा हो गया है। अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन छह जनवरी को होगा।
समझा जाता है कि इसके बाद ही चुनाव आयोग दिल्ली विधानसभा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा किसी भी दिन कर सकता है। डा . सिंह द्वारा पेश समीक्षा रिपोर्ट के अनुसार मतदाता सूची को अंतिम रूप देने का काम अंतिम चरण में है और 31 अक्टूबर तक 91.16 प्रतिशत मतदाताओं का सत्यापन भी हो चुका है।
उन्होंने विधानसभा चुनाव में मतदाताओं को मतदान केन्द्रों पर मिलने वाली सुविधाओं के अलावा सभी 70 विधानसभा केन्द्रों में एक – एक मॉडल मतदान केन्द्र भी बनाने की जानकारी दी है। दिल्ली में इस बार 2689 मतदान स्थलों पर 13750 मतदान केन्द्र बनाये जायेंगे। पिछले विधानसभा चुनाव में मतदान स्थलों की संख्या 2530 और लोकसभा चुनाव में 2700 थी।
सभी 70 मॉडल विधानसभा क्षेत्रों का प्रबंधन और सुरक्षा की जिम्मेदारी महिला कर्मियों की होगी , जबकि सभी 11 जिलों में एक – एक मतदान केन्द्र ऐसा भी होगा जिनका प्रबंधन दिव्यांग निर्वाचन कर्मियों के हाथों में होगा। आयोग ने स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव संपन्न कराने के लिये वेबकास्टिंग के माध्यम से मतदान का सीधा प्रसारण भी करने की व्यवस्था की है।
उल्लेखनीय है कि 70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा में 12 सीट अनुसूचित जाति के लिये आरक्षित हैं। इनमें क्षेत्रफल के लिहाज से सबसे बड़ा विधानसभा क्षेत्र नरेला (143 वर्ग किमी) और सबसे छोटा विधानसभा क्षेत्र बल्लीमारन (2.5 वर्ग किमी) है।
जबकि मतदाताओं की संख्या के लिहाज से सबसे बड़ा विधानसभा क्षेत्र मटियाला (4.12 लाख) है और मटिया महल सबसे कम मतदाताओं (1.22 लाख) वाला विधानसभा क्षेत्र है।

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