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भारत में जीनोम-संपादित चावल की दो नई किस्मों की घोषणा

भारत के वैज्ञानिकों की नई उपलब्धि से कृषि में क्रांति

05:59 AM May 05, 2025 IST | Himanshu Negi

भारत के वैज्ञानिकों की नई उपलब्धि से कृषि में क्रांति

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिल्ली में भारत की पहली जीनोम-संपादित चावल किस्मों की घोषणा की। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में कृषि में आधुनिक तकनीक अपनाने का आह्वान किया। आईसीएआर के वैज्ञानिकों ने डीआरआर चावल 100 और पूसा डीएसटी चावल 1 विकसित कर कृषि क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाया है।

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिल्ली में एनएएससी कॉम्प्लेक्स के भारत रत्न सी. सुब्रमण्यम ऑडिटोरियम में भारत में दो जीनोम-संपादित चावल किस्मों के विकास की घोषणा की। सभा को संबोधित करते हुए शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत के विकसित राष्ट्र के सपने को साकार किया जा रहा है और किसान समृद्धि की ओर बढ़ रहे हैं। आज की उपलब्धि स्वर्ण अक्षरों में लिखी जाएगी। आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने किसानों से कृषि चुनौतियों से निपटने के लिए आधुनिक तकनीक अपनाने का आह्वान किया था। उनके शब्दों से प्रेरित होकर आईसीएआर के वैज्ञानिकों ने इन नई किस्मों के निर्माण के साथ कृषि के क्षेत्र में असाधारण उपलब्धि हासिल की है।

2024-25 में कृषि निर्यात 13% बढ़ा, चावल का निर्यात 20 मिलियन टन पार

बासमती चावल का निर्यात

चौहान ने इस बात पर जोर दिया कि आने वाले समय में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने, पौष्टिक उत्पादन बढ़ाने और भारत और दुनिया दोनों के लिए भोजन उपलब्ध कराने के साथ-साथ भारत को दुनिया की खाद्य टोकरी बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमें गर्व है कि हमारे प्रयासों से हर साल 48,000 करोड़ रुपये के बासमती चावल का निर्यात हो रहा है। मंत्री ने सोयाबीन, अरहर, तुअर, मसूर, उड़द, तिलहन और दलहनों का उत्पादन बढ़ाने के लिए और कदम उठाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।

चावल का उत्पादन 10 मिलियन टन बढ़ाने का लक्ष्य

शिवराज सिंह चौहान ने माइनस 5 और प्लस 10 फॉर्मूला भी पेश किया, जिसमें बताया गया कि इसमें चावल की खेती के क्षेत्र को 5 मिलियन हेक्टेयर कम करना और उसी क्षेत्र में चावल का उत्पादन 10 मिलियन टन बढ़ाना शामिल है। इससे दलहन और तिलहन की खेती के लिए जगह खाली हो जाएगी। उन्होंने किसानों, खासकर युवा किसानों से उन्नत कृषि तकनीक अपनाने का आग्रह किया।

चावल की दो नई किस्में

आईसीएआर ने भारत की पहली जीनोम-संपादित चावल किस्में जिसमें डीआरआर चावल 100 (कमला) और पूसा डीएसटी चावल 1 शामिल है। इन किस्मों में उच्च उत्पादन, जलवायु अनुकूलन और जल संरक्षण के मामले में क्रांतिकारी बदलाव लाने की क्षमता है। इन नई किस्मों को CRISPR-Cas पर आधारित जीनोम-एडिटिंग तकनीक का उपयोग करके विकसित किया गया है, जो विदेशी डीएनए को जोड़े बिना जीव की आनुवंशिक सामग्री में सटीक परिवर्तन करता है। सामान्य फसलों के लिए भारत के जैव सुरक्षा नियमों के तहत SDN 1 और SDN 2 प्रकार के जीनों के जीनोम संपादन को मंजूरी दी गई है।

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