Top NewsIndiaWorldOther StatesBusiness
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgetsvastu-tipsExplainer
Advertisement

दिलगिर और जसवंत समेत दो अन्य को श्री अकाल तख्त साहिब पर किया तलब

NULL

03:58 PM Jul 28, 2017 IST | Desk Team

NULL

लुधियाना-अमृतसर : श्री अकाल तख्त साहिब पर हुई आज पंज सिंह साहिबान की विशेष बैठक में इटली की एक कंपनी द्वारा सिखों के धारण करने के लिए विशेष धातु की बनी अलग छोटी कृपाण के पेश किए गए नमूने को रदद करने के साथ-साथ पंथक मर्यादा, नित-नेम और अमृत आदि संबंधी निचले स्तर के शब्दों का प्रयोग करने वाले लेखक हरजिंद्र सिंह दिलगिर को दोषी करार और उसकी लिखतों पर पाबंदी लगाते हुए सिख संगत को आदेश दिया है कि जब तक वे श्री अकाल तख्त साहिब पर पेश होकर अपना स्पष्टीकरण नहीं देते तब तक संगत उनको मुंह ना लगाएं।

अकाल तख्त साहिब सचिवालय में हुई विशेष बैठक दौरान तख्त श्री केसगढ़ साहिब के जत्थेदार ज्ञानी मल्ल सिंह और तख्त श्री हुजूर साहिब के प्रतिनिधि गैर हाजिर रहें। श्री अकाल तख्त साहिब के सिंह साहिबान ज्ञानी गुरबचन सिंह, तख्त श्री पटना साहिब के जत्थेदार ज्ञानी इकबाल सिंह, सच्चखंड श्री हरिमंदिर साहिब के एडीशनल हैड ग्रंथी ज्ञानी जगतार सिंह लुधियाना वाले, तख्त श्री दमदमा साहिब के नवनियुक्त जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह और श्री अकाल तख्त साहिब के हैड ग्रंथी ज्ञानी मलकीत सिंह शामिल हुए। इसके अतिरिक्त तख्त श्री दमदमा साहिब में पिछले दिनों विवादित श्री गुरू ग्रंथ साहिब जी के प्रकाश किए गए हस्तलिखित पावन स्वरूपों में जो गलतियां सामने आने पर स्वरूप लिखने वाले सिंगापुर वासी जसवंत सिंह खोसा, हैड ग्रंथी तख्त श्री दमदमा साहिब ज्ञानी जगतार सिंह और इंचार्ज अखंड पाठ जरनैल सिंह को भी श्री अकाल तख्त साहिब पर तलब होने के आदेश जारी किए गए है। ताकि उनसे जानकारी हासिल की जा सके कि उसको किसने और कब स्वरूप लिखने की प्ररेणा दी। क्योंकि तीन जनवरी 2011 से किसी भी बाहरी शख्स द्वारा स्वरूप लिखने और छापने पर पूर्ण रूप से पाबंदी लगी हुई है।

तीन घंटे से ज्यादा चली इस बैठक उपरांत पत्रकारों को जानकारी देते हुए ज्ञानी गुरबचन सिंह जी ने कहा कि पंज सिंह साहिबान को देश-विदेश की संगत की तरफ से आए पत्रों, ईमेल और टेलीफोन के आधार पर इटली की कंपनी द्वारा अलग प्रकार की धातु से बनी छोटी कृपाण के नमूने को रदद कर दिया गया है और देश-विदेश की संगत और पंथक जत्थेबंदियों को हिदायतें दी गई है कि वे अपने-अपने देशों की सरकारों से संबंध कायम करके कृपाण के महत्व के बारे मे जानकारी दें कि कृपाण सिखों का धार्मिक चिन्ह है, जिससे किसी को खतरा नहीं। उन्होंने कहा कि तख्त श्री दमदमा साहिब में सिंगापुर वासी जसवंत सिंह खेड़ा द्वारा भेंट किए गए हस्तलिखित श्री गुरू ग्रंथ साहिब जी के स्वरूप के प्रकाश करने के दोषी शख्सों के विरूद्ध कार्यवाही करने के लिए 4 सदस्य कमेटी गठित की गई है।

जिसमें हैड प्रचारक ज्ञानी जगदेव सिंह को कोडीनेटर और तीन सदस्य शिरोमणि कमेटी के अतिरिक्त सचिव बिजय सिंह, सच्चखंड हरिमंदिर साहिब के ग्रंथी ज्ञानी रघुवीर सिंह और इतिहासकार डॉ सुखदेव सिंह को शािमल किया गया है। कमेटी ने अपनी आरंभिक रिर्पोट श्री अकाल तख्त साहिब पर पेश की है, जिसमें प्रबंधक तख्त श्री दमदमा साहिब, जगजीत सिंह, हैड ग्रंथी ज्ञानी जगतार ङ्क्षसह और इंचार्ज अखंड पाठी जरनैल सिंह को दोषी पाया गया है और अकाल तख्त द्वारा शिरोमणि कमेटी को आदेश दिया गया है कि उक्त देाषियों के विरूद्ध प्रबंधों में गड़बड़ करने और मर्यादा की उल्लंघना करने के आरोपों में कार्यवाही की जाएं।

इसी प्रकार जसवंत सिंह खोसे के साथ-साथ हैड ग्रंथी जगतार सिंह और अखंड पाठी जरनैल सिंह को श्री अकाल तख्त साहिब पर तलब किया गया है ताकि जानकारी हासिल की जाएं कि खोसा ने अब तक कितने स्वरूप लिखे है और उन्हें कहां रखा गया है? उन्होंने कहा कि प्रारंभिक रिपोर्ट के मुताबिक सात स्वरूपों का जिक्र हुआ है। जबकि अकाल तख्त साहिब से 3 जनवरी 2011 से श्री गुरू गं्रथ साहिब जी के स्वरूप लिखने पर पाबंदी लगी हुई है। किसी वक्त शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के सिख इतिहास बोर्ड के डायरेक्टर रहें हरजिंद्र सिंह दिलगिर द्वारा लिखे गए लेखों पर पाबंदी लगाते हुए उन्होंने कहा कि कई नितनेम वाणियों पर आपत्तिजनक टिप्पणियां की गई है। उन्होंने कहा कि जब तक दिलगिर श्री अकाल तख्त साहिब पर पेश नही होता तब तक उनकी लिखी पुस्तकों को कोई भी सिख ना पढ़े और ना ही धार्मिक, सामाजिक और सियासी मंच पर उन्हें बोलने दिया जाएं। उल्लेखनीय है कि दिलगिर ने सिख पंथ के अलावा दमदमी टकसाल के बारे में बहुत ही आपत्तिजनक टिप्पणियां की है।

– सुनीलराय कामरेड

Advertisement
Advertisement
Next Article