यूएई ने शुरू किया नॉमिनेशन आधारित गोल्डन वीजा, अब ₹4.7 करोड़ की जरूरत नहीं, तय शुल्क में मिलेगी आजीवन रेजिडेंसी
संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने एक नई नॉमिनेशन आधारित गोल्डन वीजा योजना शुरू की है, जो भारत समेत अन्य देशों के नागरिकों को एक तय शुल्क में आजीवन निवास की सुविधा देगी। अब तक यूएई में लंबे समय तक बसने के लिए करीब AED 20 लाख (लगभग ₹4.7 करोड़) के रियल एस्टेट निवेश की जरूरत होती थी। नई योजना इस शर्त को खत्म कर देती है। यह कदम उन भारतीयों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है, जो यूएई में रहने का सपना देखते हैं लेकिन करोड़ों के निवेश की शर्त उन्हें रोकती थी।
अमीर प्रवासियों की पहली पसंद बना यूएई
Henley & Partners की रिपोर्ट के मुताबिक, यूएई लगातार दुनिया के सबसे अमीर प्रवासियों की पहली पसंद बना हुआ है। 2024 के अंत तक करीब 6,700 करोड़पति यूएई में बस सकते हैं, जबकि अमेरिका इस मामले में दूसरे नंबर पर है, जहां 3,800 करोड़पतियों के बसने का अनुमान है। टैक्स-फ्री आय, सुरक्षित माहौल, विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर और अब ज्यादा लचीला रेजिडेंसी सिस्टम यूएई को और आकर्षक बना रहा है।
क्या है नॉमिनेशन आधारित गोल्डन वीजा?
नई श्रेणी में अब किसी व्यक्ति को नामांकित (nominated) करके आजीवन रेजिडेंसी दी जा सकती है। इसके लिए करोड़ों के निवेश की कोई आवश्यकता नहीं है।
मुख्य बातें:
कोई रियल एस्टेट निवेश जरूरी नहीं
निश्चित शुल्क के बदले आजीवन वीजा
यह वीजा पेशेवरों, कलाकारों, शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं आदि को दिया जा सकता है
कुछ शर्तों और अनुमतियों के अधीन होगा
यह योजना यूएई को केवल अमीरों की नहीं, बल्कि योग्य और प्रतिभाशाली लोगों की भी पसंदीदा मंजिल बनाने की दिशा में बड़ा कदम है।
भारतीयों के लिए सुनहरा मौका
यूएई में पहले से ही लाखों भारतीय रह रहे हैं और हजारों हर साल वहां बसने की योजना बनाते हैं। इस नई वीजा योजना से अब वे बिना बड़ी पूंजी लगाए लंबे समय तक वहां रह सकते हैं। यूएई का यह नया फैसला दुनियाभर में प्रतिभा आधारित आव्रजन मॉडल का उदाहरण बन सकता है, जिसमें व्यक्ति की संपत्ति से ज्यादा उसकी योग्यता और योगदान को महत्व दिया जाता है।